
Shopkeepers forget to pay rent, lease will be cancelled, NPA has prepared list
-शहर के विभिन्न क्षेत्रों में लोग व्यवसाय कर सकें,इसके लिए लिए नपा ने पूर्व में अलग अलग नाम से व्यवसायिक कांप्लेक्सों का निर्माण कराया। इनमें दुकानें बनाई गई। कुछ क्षेत्रों में वहां की लोकेशन और संभावनाओं को देखते हुए दो और तीन मंजिला दुकानें बनाई गई। इन दुकानों को नपा ने नीलाम किया। जिसका मासिक किराया तय किया गया। लेेकिन दुकान लेने के बाद कई दुकानदारों ने या तो दुकानें औरों को किराये से दे दी या ताला लगाकर छोड़ दिया। जिससे नपा को हर लंबे समय से किराया नहीं मिल रहा है।मोटी राजस्व रकम अटकने से नपा की आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है।
रिकार्ड खंगाले,सूची तैयार:
नपा ने चालू वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले ऐसे बकायादारों की फाइलें खंगाली। विभिन्न कांप्लेक्स के बकायादारों की सूची तैयार की। अभी रेलवे स्टेशन,नपा परिसर,स्टेडियम,श्यामा प्रसाद मुखर्जी कांप्लेक्स,अन्नापुरा स्कूल,विवेकानंद कांपलेक्स,मां नर्मदा कांप्लेक्स,कांजी हाउस के पास,अन्नपूर्णा कांप्लेक्स,राजीव स्वावलंबन योजना से बनी दुकानों में 28 बकायादारों के नाम आए हैं। इन पर 14 लाख 3358 रुपए बकाया है।
लीज होगी निरस्त,दोबारा नीलामी:
नपा सूत्रों के अनुसार बकायादारों को नोटिस भेजकर 7 दिन का समय दिया जाएगा। इसमें पूरी राशि जमा करने के बाद ही दुकानों का संचालन करने दिया जाएगा। 7 दिन में जवाब या राशि जमा नहीं करने पर परिषद की बैठक में अनुबंध निरस्त किया जाएगा। फिर दोबारा नीलामी होगी। सूत्र बताते हैं कि ऐसे बड़े बकायादारों के नाम की सूची जल्द ही सार्वजनिक जगहों पर लगाने और एनाउंस कराने की भी तैयारी है।
पोर्टल हैक,बढ़ी परेशानी:
नगरीय विकास एवं आवास विभाग की अधिकृत वेबसाइट ई-नगरपालिका पोर्टल बीते करीब 13 दिनों से हैक है। इस कारण नपा की ऑनलाइन सेवा सुविधाएं बंद हो गई हैं। लोगों को विभिन्न प्रकार की राशि टैक्स के रुप में जमा करने के एवज में हाथ से तैयार कर रसीदें दी जा रही हैं। ऑनलाइन भुगतान करने वालों को भी अब नपा आकर रसीदें लेना पड़ रहा हैं। वहीं दूसरी ओर इन दिनों नपा अवैध नल कनेक्शन काट रही है। विभिन्न कॉलाेनियों में बने मकान की अपने रिकार्ड में डिमांड कायम कर रही है,जिससे उसे आवासीय या व्यवसायिक निर्माण के अनुसार सालाना संपत्ति कर मिल सके। नल कनेक्शन के लिए भी लोग रोज आ रहे हैं,लेकिन ऑनलाइन पोर्टल बंद होने से काफी समय लग रहा है। कर्मचारियों की मानें तो एक रसीद तैयार करने में 20 मिनट तक लग रहे हैं। पोर्टल चालू होने पर यही काम दोबारा करना पड़ेगा। इसमें कोई चूक हुई तो कर्मचारी को जवाबदार माना जाएगा।
इनका कहना है
दुकानों का किराया नहीं देने वालों की दुकानों का अनुबंध,लीज निरस्त करने का प्रस्ताव रख रखे हैं। विभिन्न कांप्लेक्सों की 28 दुकानों के संबंधितों पर 14 लाख से ज्यादा राशि बकाया है। पेार्टल अभी बंद है,जिससे परेशानी आ रही है।
-कमलेश पाटीदार,सीएमओ,नपा हरदा
Published on:
06 Jan 2024 08:19 pm
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