
sir, if you can't make caste certificate then change our caste,sir, if you can't make caste certificate then change our caste
हरदा। साहब आप तो कलेक्टर हो। आप चाहें तो सब हो सकता है। हम सालों से भटक रहे हैं। हमारा जाति प्रमाण पत्र बनवा दीजिए। इतनी धूप में बहुत दूर से बड़ी आस से आपके पास आएं हैं। यह बात खिरकिया तहसील के बमनगांव से दर्जनों महिलाओं,पुरुष व विदयार्थियों के साथ कलेक्टर से मिलने आयी लक्ष्मीबाई ने कही। कलेक्टर ने एसडीएम से मामला समझा फिर बोले, अरे भई,मैं कलेक्टर जरुर हूं,लेकिन आपके जाति प्रमाण पत्र बनाना मेरे हाथ में नहीं है। जब हरदा होशंगाबाद से अलग जिला बना तो इसमें आपकी जाति को यहां की सूची में शामिल नहीं किया गया है। इसके लिए मैं सरकार को चिटठी लिखूंगा। जवाब सुनकर निराश हुए लोग बोले,साहब यदि हमारी जाति का प्रमाण पत्र नहीं बना सकते हो हमारी जाति बदल दीजिए। आपकी जाति का बना दीजिए। कलेक्टर बोले,ऐसे जाति नहीं बदलती,यह मेरे हाथ में नहीं है।होता तो कर देता। आपके बच्चों की खातिर एसडीएम से गलत काम कराउंगा तो उनके बच्चों का क्या होगा। इस जवाब से निराश महिलाएं बाहर कलेक्टर की कार के सामने बैठकर उनके निकलने का इंतजार करने लगीं। बाकी लोग गांधीगिरी करते हुए धूप में बैठ गए। किसी ने यह कलेक्टर को बताया,तब उन्होंने बातचीत के लिए दोबारा बुलाया।
यह है मामला:
बमनगांव के कुछ परिवारों के पारदी समुदाय के कुछ लोगों के जाति प्रमाण पत्र शिकारी जाति के बने हैं। अब सरकार डिजिटल प्रमाण पत्र मांग रही है। इसके अभाव में उनके बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। नर्मदापुरम व खंडवा में इस जाति के प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। गांव के लोगों ने ऐसे प्रमाण पत्र भी सबूत के रुप में दिखाए। कलेक्टर ने कहा कि हरदा जब नया जिला बना तो इसमें इस जाति को शासन ने यहां अन्य जिलों की तरह अधिसूचित नहीं किया। वे गंभीरता से पत्र लिखेंगे।
पीड़ित बोले...
तीन साल पहले मेरा नवोदय विदयालय में प्रवेश के लिए चयन हुआ था। मैं जब प्रवेश लेने गया तो जाति प्रमाण पत्र मांगा। यह नहीं था,इस कारण एडमिशन नहीं हो पाया। सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है।
-राधेश्याम सावरिया,बमनगांव
कक्षा 11 वीं तक स्कूल में स्कालरशिप मिलती रही। अब स्कालरशिप के लिए नया जाति प्रमाण पत्र मांग रहे हैं,नहीं तो पूरी फीस लगेगी। स्कालरशिप भी नहीं मिलेगी। ऐसे में आगे पढ़ाई छूट जाएगी।
-पायल सांवरिया,बमनगांव
विकास यात्रा और शिविरों पर उठ रहे सवाल:
जनप्रतिनिधियों और अफसरों ने मिलकर गांव गांव विकास यात्रा निकाली। इससे पहले गांवों व शहर में कैंप लगाकर घर घर जाकर प्रमाण पत्रों और अन्य जरुरी दस्तावेजों के बने होने या न होने के बारे में रजिस्टर में ब्यौरा दर्ज किया। जिले की पहल को पूरे मप्र में लागू किए जाने का भी दावा किया जा रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि यदि गांव में सालों से बसे परिवारों के जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं तो शिविरों में क्या समाधान किए गए। यदि शासन को लिखा तो क्या जवाब आया। कब तक इनका हल निकलेगा। यह अपने आप में बड़ा सवाल है।
Published on:
16 May 2023 09:38 pm
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