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खराब पटरियों पर दौड़ रही थीं ट्रेनें, जांच में पता चला, अब बदलने में लग गए अधिकारी

रेलवे लाइन का निचला हिस्सा सड़ गया था, चार घंटे ब्लाक लेकर किया जा रहा है रोजाना काम, अब तक 20 से अधिक रेल लाइनों को बदला

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हरदा

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Deepak Gadve

Dec 03, 2017

रेलवे लाइन का निचला हिस्सा सड़ गया था, चार घंटे ब्लाक लेकर किया जा रहा है रोजाना काम

रेलवे लाइन का निचला हिस्सा सड़ गया था, चार घंटे ब्लाक लेकर किया जा रहा है रोजाना काम

हरदा. स्थानीय रेलवे स्टेशन की डाउन ट्रैक की रेलवे लाइनों के नीचे के हिस्से सड़ गए थे। इसके बाद भी ट्रेनों का संचालन चल रहा था। गत दिनों अधिकारियों द्वारा पटरियों की जांच करने पर उन्हें बड़ी खामियां मिली थीं। आनन-फानन में इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों ने रेल पटरियों को बदलने का काम शुरू किया। समय पर अधिकारियों के जागने से ट्रेन दुर्घटना होने से टल गई। शनिवार और रविवार को भी चार घंटे का ब्लाक लेकर काम किया गया। इस दौरान सुपर फॉस्ट ट्रेनों को लूप लाइन से धीमी गति से निकाला गया। काम अधूरा होने से रविवार को भी ब्लाक लेकर काम किया जाएगा। बीते छह दिनों से डाउन ट्रैक को बदलने का काम तेजी से चल रहा है।
नीचे से सड़ गई थीं पटरियां
रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो के डाउन ट्रैक की मैन पटरियों के निचले हिस्से सड़ गए थे। 15 दिन पहले भी इसी ट्रैक की रेलवे लाइन में क्रेक आ गया था, जिसे सुधारा गया था। इसके बाद गत २७ नवंबर सोमवार की सुबह इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों ने डाउन की प्लेटफार्म के पीछे से लेकर आगे तक की रेलवे लाइन की बारीकी से जांच की गई थी। इसमें उन्हें पटरियों के नीचे का भाग खराब होना मिला था। रेल दुर्घटना की आशंका को देखते हुए अधिकारियों ने दोपहर में ब्लाक लेकर काम शुरू किया था। तब से यह काम जारी है। आधुनिक कटर से रेलवे लाइनों को काटा जा रहा है।
थर्मिट वेल्डिंग से जोड़ रहे रेल पटरी
इंजीनियरिंग विभाग द्वारा डाउन ट्रैक की खराब रेलवे लाइनों को निकालकर उनकी जगह पर नई पटरियों को लगाया जा रहा है। इस कार्य में लगभग ३० कर्मचारी लगे हुए हैं। रेलवे मालगोदाम के सामने तथा इटारसी की ओर वाले हिस्से में ट्रैक मेंटनरों द्वारा काम किया जा रहा है। छोटे जनरेटर की मदद से थर्मिट वेल्डिंग से नई रेलवे लाइन को जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा रेलवे लाइन के समतल को भी जांचा जा रहा है।
पिछले साल भी टूटी थीं पटरियां
स्थानीय रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो के डाउन ट्रैक और तीन नंबर प्लेटफार्म अप मैन लाइन से प्रतिदिन सैकड़ों यात्री और मालगाड़ी ट्रेनें निकलती हैं। जबकि एक नंबर प्लेटफार्म पर केवल पैसेंजर ट्रेन रोकी जाती है। पिछले साल अप और डाउन ट्रैक की रेल लाइनों में क्रेक आ गया था। स्टेशन के सफाईकर्मी सुबह सफाई के दौरान टूटी पटरी को देखकर इसकी सूचना स्टेशन प्रबंधन को दी थी। इसके बाद इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों ने तुरंत कर्मचारियों को लगाकर सुधार कार्य कराया था।
लगभग २० नए रेलवे लाइन के टुकड़े जोड़े
गत छह दिनों से इंजीनियरिंग विभाग द्वारा खराब रेल पटरियों को बदलने का काम किया जा रहा है। बीते छह दिनों के अंदर लगभग २० रेल लाइन के नए टुकड़े लगाए गए हैं। शनिवार को दोपहर से लेकर शाम तक डाउन ट्रैक के अगले हिस्से में 13-13 मीटर के चार तथा पिछले हिस्से में १० से १२ मीटर की रेल लाइन थर्मिट वेल्डिंग से जोड़ी गईं।
लूप लाइन से निकली सुपर फॉस्ट ट्रेनें
सुबह के पंजाब, झेलम, हावड़ा मेल, जनता, कुशीनगर और पठानकोट एक्सप्रेस डाउन ट्रैक की मैन लाइन से निकलने के बाद इंजीनियरिंग विभाग ने भोपाल से चार घंटे का ब्लाक लिया था। दोपहर 12.३५ से ४.३५ तक ब्लाक के दौरान रेल पटरियों को बदला गया। इस दौरान गोवा, कुर्ला-पटना सुपर फॉस्ट ट्रेनों सहित एक मालगाड़ी को ३० की स्पीड से निकाला गया। जबकि मैन लाइन से ट्रेनें ११० की गति से निकलती हैं।
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रेल पटरियों के मेंटनेंस का रुटीन कार्य है। डाउन ट्रैक की रेलवे लाइन को बदलने की आवश्यकता थी, इसलिए ब्लाक लेकर बदला जा रहा है। अभी तक २० रेल लाइन के टुकड़े बदले गए हैं। फिलहाल ट्रेनों को ३० की गति से निकाला जा रहा है। रविवार को भी ब्लाक लेकर काम करेंगे।
आरके शेखर, रेलवे सीनियर सेक्शन इंजीनियर, हरदा