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ग्रामसभा में ग्रामीण बोेले,जमीन के बदले जमीन के अलावा नहीं मानेंगे बात

ग्रामसभा में ग्रामीण बोेले,जमीन के बदले जमीन के अलावा नहीं मानेंगे बातहरदा। मोरंड गंजाल संयुक्त सिंचाई परियोजना के निर्माण को लेकर वनग्राम बोथी में गुरुवार को ग्राम सभा रखी गई। इसमें अफसरों ने जमीन अधिग्रहण से मिलने वाले मुआवजे और विस्थापन की बारे में विस्तार से बताया। वहीं ग्रामीणों ने यह कहकर बहिष्कार कर दिया कि जमीन के बदले जमीन ही चाहिए। इस कारण प्रशासन व ग्रामीणों के बीच कोई सहमति नहीं बन सकी।

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हरदा

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Mahesh bhawre

Jun 01, 2023

ग्रामसभा में ग्रामीण बोेले,जमीन के बदले जमीन के अलावा नहीं मानेंगे बात

The villagers said in the gram sabha, they will not agree except for the land in exchange for the land


---तीन जिलों के कई गांवों को सिंचित करने वाली बहु प्रचारित मोरंड गंजाल सिंचाई परियोजना में लगातार नए पेंच फंस रहे हैं। ग्राम सभा परियोजना को मंजूरी नहीं देने का प्रस्ताव पारित कर चुकी है। इधर एनवीडीए और हरदा व नर्मदापुरम का प्रशासनिक अमला ग्रामीणों को समझाइश देकर मनाने में लगा है।

एनवीडीए और प्रशासनिक अफसरों की टीम ने गुरुवार को वनग्राम बोथी में सुबह 11 बजे से ग्राम सभा रखी। इसमें एडीएम हरदा,एसडीएम टिमरनी सहित एनवीडीए के अधिकारी शामिल हुए। ग्राम सभा में प्रशासनिक अफसरों ने बताया कि उन्हें अधिग्रहित भूमि के एवज में शासन प्रशासन के तय नियमों के अनुसार राशि दी जाएगी। विस्थापन पुनर्वास के बारे में दी जाने वाली सुविधा और व्यवस्था के बारे में भी बिंदूवार जानकारी दी। शिफ्टिंग के दौरान परिवहन सुविधा और नई जगह पर नया काम धंधा शुरु करने से संबंधित सुविधाएं बताईं। इसके बाद ग्रामीणों ने अपनी बात रखते हुए दो टूक कहा कि जमीन के बदले जमीन ही चाहिए। इससे पहले बने बांध और परियोजनाओं के प्रभावितों के पुनर्वास और विस्थापन की सच्चाई किसी से छिपी नहीं है। ग्रामीणों ने कहा कि ग्राम सभा की पहले से सूचना नहीं दी गई। ग्रामीणों ने कहा कि अधिकारी अपना काम निकालने के लिए अच्छी बातें और ठीक व्यवहार करते हैं,वे बाद में न तो पीड़ित परिवारों का जरुरत के समय पहचानते हैं और न ही मदद करते हैं। ऐसे में हम उनका विश्वास कैसे करें। अधिकारी ने कई तर्क दिए लेकिन ग्रामीण जमीन के बदले जमीन की मांग पर अड़े रहे। इस कारण कोई सहमति नहीं बन सकी।

अचानक मिली सूचना,ग्रामीण नाराज:
नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधिकारी और जिले के प्रशासनिक अफसरों की टीम गुरुवार को सुबह 11 बजे गांव पहुंची। इसके बाद ग्रामसभा रखी गई। जिदंगी बचाओ अभियान से जुड़े राम काजले और अन्य ने कहा कि अधिकारी अपने मतलब के समय मीठी मीठी बातें करते हैं। यदि वे गरीबों और आदिवासियों की चिंता करते तो ग्राम सभा की डोंटी अचानक नहीं पिटवाते। इसकी सूचना पहले से देना चाहिए था।

इस संबंध में टिमरनी एसडीएम महेश बडोले ने कहा कि बातचीत हुई। सारी बातें और मुआवजे विस्थापन संबंधी सारी जानकारी विस्तार से दी। ग्रामीणों की भी बातें सुनीं। अभी कुछ तय नहीं हुआ है।