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इस बार हाथी पर सवार होकर आएगी मां दुर्गा,पूरे 9 दिन शुभ योग

हरदा.हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। 15 अक्टूबर से मां की नौ दिनी आराधना शुरू हो जाएगी। 15 से 24 अक्टूबर तक शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा का दरबार सजेगा। नवरात्रि पर्व के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा की विशेष उपासना की जाती है और अखंड ज्योत जलाई जाती है। शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करने से साधक को सुख-समृद्धि एवं धन-धान्य की प्राप्ति होती है।

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हरदा

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Mahesh bhawre

Oct 10, 2023

इस बार हाथी पर सवार होकर आएगी मां दुर्गा,पूरे 9 दिन शुभ योग

This time Maa Durga will come riding on an elephant, auspicious yoga for the whole 9 days

हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा:
पं.एसएस पांडे ने बताया कि हर बार माता के आगमन और प्रस्थान का वाहन अलग होता है, जो कई संकेत देता है। इस बार मां का आगमन रविवार 15 अक्टूबर को हाथी पर हो रहा है,जिससे समृद्धि आएगी,वहीं प्रस्थान मंगलवार 24 अक्तूबर को मुर्गा पर होगा,जिसे प्राकृतिक आपदा का संकेत माना गया है।

इस बार पूरे नौ दिन के होंगे नवरात्रि
पंडित संजय शुक्ला ने बताया कि आम तौर पर नवरात्र नौ दिन की होती है, कभी-कभार घटती-बढ़ती है। नवरात्र का बढ़ना शुभ माना जाता है।

नौ दिन के नवरात्र
15 अक्टूबर-मां शैलपुत्री पूजा
16 अक्टूबर- मां ब्रह्मचारिणी पूजा

17 अक्टूबर- मां चंद्रघंटा पूजा
18 अक्टूबर-मां कूष्मांडा पूजा

19 अक्टूबर-मां स्कंदमाता पूजा
20 अक्टूबर-मां कात्यायनी पूजा

21 अक्टूबर- मां कालरात्रि पूजा
22 अक्टूबर- मां सिद्धिदात्री पूजा

23 अक्टूबर-मां महागौरी पूजा
24 अक्टूबर -विजयदशमी -दशहरा

बाक्स में
चित्रा नक्षत्र एवं तुला राशि के चंद्रमा की साक्षी में शारदीय नवरात्र:

घटस्थापना के साथ शहर में गरबों की धूम होगी। अक्टूबर माह में नवरात्र, दशहरा और शरद पूर्णिमा भी है। ज्योतिषियों के अनुसार विशेष योग में आ रही नवरात्रि में साधना करने वालों को हर तरह की सफलता मिल सकती है। ज्योतिषाचार्य पं.विजय काशिव ने बताया कि चित्रा नक्षत्र एवं तुला राशि के चंद्रमा की साक्षी में शारदीय नवरात्रि आ रही है। ग्रह गोचर की गणना से देखें तो सूर्य बुध का कन्या राशि में गोचर करना बुधादित्य योग की स्थिति बनाता है। संयोग से उसी दिन रविवार भी है। इस दृष्टिकोण से यह स्थापना के साथ-साथ साधना की सफलता के नए आयाम दे सकेगा। अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि से अक्टूबर माह की शुरुआत हो रही है। इस बार श्राद्ध से माह की शुरुआत हुई है। सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग के संयोग का भी इस पक्ष काल में विशेष अनुक्रम रहेगा। इन योगों में दान तथा चिर स्थाई समृद्धि के लिए खरीदारी की जा सकती है।

घट स्थापना के लिए चित्रा नक्षत्र का संयोग:
पंचांग के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर शनिवार को रात्रि 11 बजकर 24 मिनट से शुरू हो रही है और 16 अक्टूबर सोमवार को प्रात 12 बजकर 03 बजे समाप्त होगी। शारदीय नवरात्रि में इस बार घट स्थापना के लिए 15 अक्टूबर रविवार को सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक शुभ मुहूर्त है। भक्तों को कलश स्थापना के लिए 46 मिनट मिलेंगे। इस दिन चित्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा है।