
Pulkit Khare
हरदोई. जिलाधिकारी पुलकित खरे ने बताया है कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में परिषद के प्रशासनिक नियंत्रण में आने वाले अनावासीय तथा आवासीय राजस्व भवनों के लिए अनुरक्षण मद में कार्यों को कराये जाने के लिए 23 मई 2018 को ऑनलाइन आवंटन किया गया था। जिसमें जनपद स्तरीय भवनों के अनावासीय अनुरक्षण मद में रू0 8,00,000 तथा आवासीय अनुरक्षण मद में रू 2,00,000 आवंटित किया गया था। इसी प्रकार तहसील स्तरीय भवनों के लिए अनावासीय अनुरक्षण मद में रू 3,00,000 तथा आवासीय अनुरक्षण मद में रू0 5,00,000 -आवंटित किया गया था।
उन्होंने बताया कि 4 जून 2018 को आवश्यक कार्यवाही हेतु अग्रसारित करने के बावजूद भी पत्रावली तत्कालीन नायब नाजिर, नाजिर सदर प्रभारी अधिकारी नजारत की लापरवाही से नजारत अनुभाग में बिना किसी कार्यवाही के पड़ी रही। परिषदादेश के निर्देशों के क्रम में स्वीकृत धनराशि का उपयोग प्रत्येक दशा में 15 नवम्बर 2018 तक सुनिश्चित कर लिया जाना था तथा उपभोग न होने की दशा में 30 नवम्बर 2018 तक धनराशि परिषद को समर्पित कर दी जानी थी, जबकि पत्रावली नजारत अनुभाग द्वारा 29 मार्च 2019 को प्रस्तुत की गई। वित्तीय वर्ष 2018-19 में आवंटित बजट का उपभोग न होने की दशा में तत्कालीन नायब नाजिर, नाजिर सदर प्रभारी अधिकारी (नजारत) की लापरवाही व उदासीनता के कारण आवंटित धनराशि समर्पित की गई। आवंटित धनराशि का उपभोग न कर पाने में तत्कालीन प्रभारी अधिकारी (नजारत) एवं तत्कालीन नायब नाजिर व नाजिर सदर उत्तरदायी हैं।
इस सम्बन्ध में तत्कालीन नायब नाजिर तथा तत्कालीन नाजिर सदर को कारण बताओं नोटिस जारी कर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है तथा तत्कालीन प्रभाारी अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने की संस्तुति की गई है।
Published on:
02 Apr 2019 06:37 pm
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