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हरदोई. हरदोई (Hardoi) में कुछ अराजक तत्वों ने एक मंदिर में बनी शिवलिंग को तोड़ दिया जिससे जनता में आक्रोश है। इसको देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया है। जांच बैठाई गई है और जांच की आंच भाजपा नेता और भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अरुण मौर्य (Arun Maurya) तक पहुंची हैं, जिन्हें निलंबित कर दिया गया है। शिवलिंग तोड़े जाने के बाद बजरंग दल (Bajrang Dal) में भी उबाल है। मामले में मौर्य समेत चार लोगों को नामजद कर 250 अज्ञात लोगों के विरुद्ध बलवा समेत कई अन्य धाराओं की रिपोर्ट दर्ज की गई है। बड़ी संख्या में लोग डॉ. अरुण की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
यह है मामला-
मामला रविवार का है। हरदोई के सुभाष नगर में एक दुर्गा मंदिर है जहां अब सभी भगवानों की मूर्ति लगी है। और इनमें शिवलिंग (Shivling) भी शामिल थी। बताया जा रहा है कि इस मंदिर के समीप ज़मीन पर एक छोटा सा आश्रम जो कुशवाहा समाज (Kushwaha Samaj) के लोगों का है। रविवार को इस आश्रम में कुशवाहा समाज के लोग अरुण मौर्य (Arun Maurya) की अध्यक्षता में मीटिंग कर रहे थे। इसी बीच किसी मुद्दे को लेकर कहा सुनी हो गई। बताया जा रहा है कि मंदिर में भगवान बुद्ध (Lord Budha) की मूर्ति लगाने की मांग उठी, जो बहस में तब्दील हो गई। इनमें से कुछ ने मंदिर में लगी शिवलिंग को तोड़ दिया।
अरुण मौर्य निलंबित-
पुलिस ने 200 अज्ञात लोगों समेत तीन नामजद लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। वहीं को हिरासत में भी लिया गया हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष सौरभ मिश्रा (Saurabh Mishra) ने मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय जांच समिति गठित की है। साथ ही आरोपी नेता अरुण (Arun) को जांच होने तक पार्टी से निलंबित कर दिया है। बताया गया है कि मामले में आरोपी भाजपा के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अरुण मौर्य (Arun Maurya) यूपी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के करीबी हैं।
Published on:
17 Sept 2019 08:38 pm
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