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अर्थशास्त्री की नजर में GST और भारत सरकार, देखें वीडियो

हाथरस में बागला महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य और अर्थशास्त्री डॉ एससी शर्मा का कहना है कि जीएसटी पर जो काम होना चाहिए था, वही नहीं हुआ।

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Dhirendra yadav

Jun 30, 2017

disadvantages of gst

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हाथरस। पूरे देश में जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) को लेकर इस समय तरह-तरह की बातें सामने आ रही हैं। हाथरस में बागला महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य और अर्थशास्त्री डॉ एससी शर्मा ने एक बड़ा खुलासा किया है। उनकी मानें तो अभी तक इससे जुड़े अधिकारियों को ही जीएसटी के बारे में जानकारी नहीं है क़ि यह टैक्स कैसे लिया जायेगा। यह भी नहीं पता कि टैक्स कौन लेगा। उन्होंने बताया कि यही कारण है कि व्यापारियों को कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है और वह भयभीत है। भारत सरकार क इस पर ध्यान देना चाहिए था।
जिसकी जरूरत थी, वही नहीं हुआ
अर्थशास्त्री एससी शर्मा ने कहा कि जीएसटी लागू करना सरकार के द्वारा उठाया गया एक विवेकपूर्ण कदम है। इसके लिए हमारे समाज के विभिन वर्गों को प्रशिक्षित किया जाना था। सरकार के पास इतना समय था वह जीएसटी के बारे में लोगों को जानकारी दे सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने बताया कि हमें कर की विभिन्नताएं देखने को मिलती थी। उसे सरकार ने एक करके चार भागों में बांट दिया, लेकिन इस चीज को समझाने की बहुत जरूरत थी, वही नहीं हुआ।
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व्यापारियों को भी पता नहीं
उन्होंने बताया कि अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग वस्तुओं पर अलग-अलग कर था। लोगों ने समझा कि बहुत बड़ा भूत है। मैंने व्यापारियों से बात की तो पाया कि उन्हें भी ज्ञान नहीं था। जब वैट लागू हुआ, तब भी व्यापारियों में भय था, लेकिन दबा में यह बहुत लाभकारी हुआ। जीएसटी में गरीब तबके को मुफ्त रखा है। दो करोड़ रुपये के टर्नओवर वाले व्यापारी को बहुत राहत है, लेकिन इसे समझाने की जरूरत थी।
विद्यार्थियों को जानकारी होनी चाहिए
उन्होंने कहा कि कॉलेजों में शिक्षक समझाते विद्यार्थियों को। कर अधिकरी समझाते व्यापारी वर्ग को। जीएसटी पर सेमिनार होने चाहिए थे। बहुत से ऐसे अधिकारी हैं, जिन्हें जीएसटी के बारे में कुछ भी पता नहीं है। मैंने एक अधिकारी से पूछा कि जीएसटी को कौन सा राज्य प्राप्त करेगा, तो उसे पता नहीं था। हमें पता होना चाहिए कि जहां से माल का उत्पादन होता है, वही राज्य जीएसटी का हकदार होगा। जीएसटी के बारे में हर तबके को जानकारी होनी चाहिए, क्योंकि यह परोक्ष कर है और हर व्यक्ति प्रभावित है।

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