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हाथरस गैंगरेप केसः फिर मृतका के गांव दौड़ने लगीं गाड़ियां, कैमरों के फ्लैश से चौंधियाई आंखें

- किसी को जगी न्याय की उम्मीद तो कोई कर रहा बड़ी कोर्ट जाने की बात

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Hathras Court

Hathras Court

पत्रिका ग्राउंड रिपोर्ट.

हाथरस. दलित युवती की बलात्कार (Rape) और फिर हत्या (Murder) के बाद सुर्खियों में आए हाथरस (Hathras Case) के चंदपा थाना क्षेत्र के छोटे से गांव की कच्ची-पक्की सड़कों पर शुक्रवार को गाड़ियों की रेलमपेल रही। ठंड से सिकुड़ते लोगों के चेहरे पर कैमरों की फ्लैश चमकने लगी। ठंड से बचने के लिए अलाव ताप रहे ग्रामीणों के चेहरे पर दो भाव एक साथ दिखे। कहीं खौफ के साथ गहरी उदासी तो कहीं लाख छुपाने के बावजूद चेहरे पर खुशी दिख रही थी। मीडियाकर्मियों से बचने की कोशिश कर रहे ग्रामीण मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं। फिर भी पूरा गांव दो खेमे में बंटा नजर आया।

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दलित बस्ती के लोग दबी जुबान से कह रहे हैं कि सीबीआइ ने जो सच था वही अपनी रिपोर्ट में लिखा है। निर्दयता करने वालों को सजा मिलेगी तो बिटिया की आत्मा को शांति मिलेगी। उसके साथ न्याय होगा। वहीं सवर्ण बस्ती के ग्रामीण अब भी यह मानने को तैयार नहीं कि बिटिया के साथ ज्यादती हुई थी। आरोपी रवि के घर के बाहर सन्नाटा है। कुछ महिलाएं खड़ी हैं। उनसे बातचीत की कोशिश की गयी तब उनका कहना था कि मामले में सीबीआइ ने न्याय नहीं किया है। इसको लेकर परिजन बड़ी अदालत में जाएंगे। उधर पीडि़त बिटिया के पिता और भाई ने मीडिया के सामने आने से इनकार कर दिया। शुक्रवार की सुबह ही सीबीआइ उनके घर पहुंची थी। और पीडि़ता के भाई और भाभी को लेकर चली गयी। जिले की एससी-एसटी कोर्ट में लेकर चली गयी थी।

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इनके साथ सीआरपीएफ की टीम थी। सभी सीआरपीएफ की गाडिय़ों में बैठकर न्यायालय पहुंचे। जबकि, आरोपियों के परिजन अपने-अपने साधनों से कोर्ट पहुंचे थे। इसके पहले सीबीआइ ने पूरे कोर्ट को खाली करा दिया था। परिसर में किसी की एंट्री नहीं थी। हालांकि, मीडिया को पहले ही पता चल चुका था कि सीबीआइ अपनी रिपोर्ट सौंपने वाली है। इसलिए पहले ही वहां जमावड़ा हो चुका था। सीबीआइ कोर्ट के जांच रिपोर्ट सौंपने के थोड़ी देर बाद ही पता चल गया। इसके बाद भारी सुरक्षा घेरे में लेकर पीडि़ता के परिजनों के साथ सीआरपीएफ की टीम गांव पहुंची।