
अब इस मामले में आयोग के निर्देश पर पुलिस ने रेप, धोखाधड़ी, ब्लैकमेलिंग समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया। आरोपी करीब 20 साल से इस घिनौनी हरकत को अंजाम दे रहा था।
पुलिस जांच में सामने आया कि प्रोफेसर रजनीश पिछले कई सालों से छात्राओं का शोषण कर रहा था। पहले भी कुछ छात्राओं ने इस संबंध में प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को शिकायत दी थी, लेकिन तब कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। कुछ दिनों पहले छात्राओं ने सबूतों के साथ राष्ट्रीय महिला आयोग को शिकायत भेजी, जिसमें आरोपी के अश्लील वीडियो और तस्वीरें भी शामिल थीं।
जांच में पता चला कि आरोपी छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में पास कराने और सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देता था। इसी बहाने वह छात्राओं को शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करता। इस दौरान वह वीडियो बनाकर छात्राओं को ब्लैकमेल भी करता था।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले की गंभीरता को समझते हुए हाथरस पुलिस से रिपोर्ट तलब की। इसके बाद पुलिस हरकत में आई और डीएसपी तथा एएसपी रैंक के अधिकारियों की टीम ने जांच शुरू की। जांच के दौरान प्रोफेसर रजनीश के खिलाफ आरोप सही पाए गए। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ IPC की संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया। लेकिन मुकदमा दर्ज होने की खबर मिलते ही आरोपी फरार हो गया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जब जांच के लिए कॉलेज प्रशासन से संपर्क किया गया, तो उन्होंने सहयोग करने से इनकार कर दिया। इसके बाद एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने अपर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार सिंह को मामले की जांच सौंपी। उनकी रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई।
हाथरस के पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कई जगहों पर दबिश दी जा रही है। पुलिस का कहना है कि वह जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा करेगी।
यह मामला शिक्षा जगत के लिए एक काला धब्बा है। छात्राओं की हिम्मत और महिला आयोग के हस्तक्षेप के चलते पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। अब सवाल यह उठता है कि आखिर कॉलेज प्रशासन ने पहले इस पर कार्रवाई क्यों नहीं की? क्या पहले दी गई शिकायतों को नजरअंदाज किया गया था? पुलिस की अगली कार्रवाई पर पूरे प्रदेश की नजरें टिकी हैं।
Published on:
16 Mar 2025 08:43 pm
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