
Hathras Stampede: यूपी के हाथरस में सत्संग के बाद हुई भगदड़ में अब तक 122 लोगों की मौत हुई है। हालांकि, प्रशासन ने अब तक 121 मौत की पुष्टि की है। मंगलवार देर रात 22 लोगों के खिलाफ सिकंदराराऊ थाने के दरोगा ने FIR दर्ज कराई है। इसमें मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर का नाम है। बाकी सब अज्ञात हैं। इसमें सबसे बड़ी बात ये है कि भोले बाबा उर्फ हरि नारायण साकार का नाम ही नहीं है।
वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को हाथरस के सरकारी अस्पताल में भगदड़ की घटना में घायल हुए लोगों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।उधर, वकील गौरव द्विवेदी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर CBI जांच की मांग की है।
हाथरस हादसे की जांच की रिपोर्ट को एसडीएम ने डीएम को सौंप दिया गया है। एसडीएम की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इसके मुताबिक सत्संग में दो लाख से ज़्यादा लोगों की भीड़ आई थी। रिपोर्ट में बाबा के निजी सुरक्षा कर्मियों को जिम्मेदार बताया गया है। दो लाख लोगों के कार्यक्रम की परमिशन भी प्रशासन से नहीं ली गई थी।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बाबा के काफिले के जाने के बाद जैसे ही सेवादारों ने श्रद्धालुओं को जाने के लिए कहा, तो वहां अचानक भगदड़ की स्थिति बन गई। जो श्रद्धालु गर्मी सहन नहीं करने के चलते जमीन पर गिर पड़े और बैठ गए थे, खासकर महिलाओं और बच्चों के ऊपर से लोग गुजरते गए और उन्हें उठने का मौका तक नहीं मिला। देखते ही देखते चीख-पुकार मच गई। बड़ी संख्या में लोग बेहोश हो गए।
भगदड़ में 122 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के वक्त मौके पर मौजूद पुलिस बल और कार्यक्रम में आये लोगों ने कार्यक्रम स्थल के पास खेत में बने दलदल में फंसे लोगों को बाहर निकाला और लोगों की मदद से उन्हें सीएचसी सिकंदराराऊ भिजवाया।
शुरुआत में सीएचसी पर एक ही बार में 25 शव लाये गये, लेकिन धीरे धीरे यह आंकड़ा एक साथ तेजी के साथ बढ़ता गया। एक साथ तमाम लोग घटना स्थल पर बेहोश हुए तो ऐसे में पुलिस प्रशासन के पास उन्हें अस्पताल तक लाने के भी कोई इंतजाम नहीं थे। लिहाजा कार्यक्रम स्थल पर मौजूद मैक्स, बस और अन्य वाहनों से लोगों को सीएचसी तक लाया गया। लिहाजा धीरे धीरे मौतों का आंकड़ा तेजी के साथ बढ़ता चला गया।
राजस्थान, मध्यप्रदेश के साथ ही यूपी के विभिन्न जनपदों से आए लोग अपने साथियों और अपनों को खोजने में जुट गए। सिकंदराराऊ सीएचसी के साथ ही हाथरस, कासगंज और एटा के अस्पतालों की ओर लोग घायलों को लेकर दौड़ पड़े। एक साथ इतने लोगों के आने से अस्पताल में अफरातफरी मच गई। इंतजामों के अभाव में कई लोगों की सांसें थम गईं। अस्पताल परिसरों में मृतकों के बीच अपनों की तलाश में रोते-बिलखते लोगों को देखकर हर किसी की रूह कांप उठी।
आगरा-अलीगढ़ मंडल के आला अफसर देर रात तक हाथरस और सिकंदराराऊ में घायलों के उपचार, अपनों की तलाश में भटक रहे लोगों की सहायता के साथ ही मृतकों के शव सम्मानपूर्वक उनके परिजनों के सुपुर्द करने की कवायद में जुटे रहे। इस दौरान बारिश के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
सत्संग में प्रशासन ने 80 हजार लोगों की भीड़ की अनुमति दी थी, लेकिन यहां लाखों की भीड़ एकत्रित हो गई। घटना स्थल पर मंगलवार की रात पहुंचे डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि अनुमति केवल 80 हजार की थी। भीड़ इतनी किस तरह से एकत्रित की गई। इसकी जांच होगी। साथ ही यह भी कहा कि आयोजकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हाथरस सांसद अनूप प्रधान देर रात दिल्ली में लोकसभा सत्र समाप्त होने के बाद सिकंदराराऊ पहुंच गए। बुधवार को दोपहर करीब 12 बजे तक सीएम योगी आदित्यनाथ भी हाथरस आएंगे। वह लखनऊ से रवाना हो गए है।
Updated on:
03 Jul 2024 02:02 pm
Published on:
03 Jul 2024 10:01 am
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