ऐसे किया बच्चों पर अध्ययन
बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर डिजिटल मीडिया के उपयोग और उसके प्रभावों के बारे में तो बहुत शोध हुए हैं लेकिन बच्चों की पढ़ाई और सीखने की प्रक्रिया पर इसके दुष्परिणामों पर ज्यादा कुछ नहीं कहा गया है। यह अध्ययन इसी पहलू की जांच करता है। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में ऐसे 1239 छात्रों को शामिल किया जो 2012 में 8 से 11 वर्ष के थे। शोधकर्ताओं ने बच्चों के पहले तीन वर्षों में एकत्रित जानकारी का उपयोग कर उनके टीवी के उपयोग, कंप्यूटर स्ट्रीमिंग, कंप्यूटर का उपयोग, ईमेल, नेटसर्फिंग, स्कूल के काम के लिए इंटरनेट का उपयोग और चैट, वीडियो गेम के बारे में आंकड़े जुटाए। शोधकर्ताओं ने शैक्षणिक अंकों के अलावा, बच्चों की उम्र, लिंग, 8-11 साल के समय के भावनात्मक और व्यवहार संबंधी समस्याओं और उनकी सामाजिक स्थिति का भी विश्लेषण किया। साथ ही छात्रों के पिछले शैक्षणिक प्रदर्शन पर भी गौर किया।
40 फीसदी बच्चों ने टीवी देखा
शोधकर्ताओं ने पाया कि 8 से 9 एवं 10 से 11 साल की उम्र में शोध में शामिल लगभग 40 प्रतिशत बच्चों ने एक दिन में दो घंटे से अधिक टीवी देखा। जबकि 8 से 9 साल की उम्र साल के बच्चों में से लगभग 17 प्रतिशत ने एक दिन में एक घंटे से अधिक समय तक कंप्यूटर का उपयोग किया। दो साल बाद, यह आंकड़ा बढ़कर लगभग दोगुना यानी करीब 30 प्रतिशत हो गया। ऐसे ही इस समूह (8 से 9 साल की उम्र) के प्रत्येक 4 में से 1 बच्चे ने एक दिन में एक घंटे से अधिक समय तक वीडियो गेम खेला। जबकि 10 से 11 साल की उम्र के बच्चों में ऐसा प्रत्येक तीन में से एक बच्चे ने किया था। शोधकर्ताओं ने पाया कि जो 10 से 11 वर्ष की आयु के जो बच्चे दो घंटे से अधिक टीवी देखते थे या एक दिन में एक घंटे से अधिक कंप्यूटर का इस्तेमाल करते थे, उनके साथियों की तुलना में उनके अंक कम आए। हालांकि इसका पढऩे की क्षमता (रीडिंग स्किल) पर कोई प्रभाव नजर नहीं आया।
यह अध्ययन इसलिए है महत्त्वपूर्ण
यह अध्ययन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और बच्चों के सीखने के संबंध पर यूं तो कोई खास रोशनी नहीं डज्ञल पाया लेकिन शोध के नतीजे इसलिए महत्वपूर्ण है। क्योंकि सक्रिय रूप से डिजिटल मीडिया की सामग्री देखना उत्पादकता को बढ़ाता है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यही बच्चे बड़े होकर सोशल मीडिया का अधिक उपयोग करते हैं। अधिकांश सोशल मीडिया अकाउंट्स का उपयोग करने के लिए यूजर्स की न्यूनतम आयु सीमा कम से कम 13 वर्ष होना जरूरी है। ऑनलाइन सामग्री बनाने और पोस्ट करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करना, दोस्तों के साथ जुड़कर छात्र सामाजिक रूप से ज्यादा बेहतर बन सकते हैं बशर्ते उपयोग एक सीमता तक ही करें।