scriptअनुवांशिक रूप से मानव द्वारा तैयार किए गए करोड़ों मच्छर लडेंग़े जीका वायरस से | 750 million genetically engineered mosquitoes will fight Aedes aegypti | Patrika News

अनुवांशिक रूप से मानव द्वारा तैयार किए गए करोड़ों मच्छर लडेंग़े जीका वायरस से

locationजयपुरPublished: Sep 01, 2020 02:36:53 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

अमरीका के फ्लोरिडा में 2021 से 2022 के बीच खास जीका वायरस से लडऩे के लिए तैयार किए गए करीब 75 करोड़ से ज्यादा मच्छरों को छोड़ा जाएगा। इस परियोजना के लिए हाल ही स्थानीय प्रशासन से मंजूरी मिली है।

अनुवांशिक रूप से मानव द्वारा तैयार किए गए करोड़ों मच्छर लडेंग़े जीका वायरस से

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वैज्ञानिकों ने मच्छरों के खिलाफ मानव द्वारा अनुवांशिक रूप से तैयार ( Genetically Engineered Mosquitoes) ‘मच्छरों की फौज’ उतारने की तैयारी कर ली है। अमरीका में वैज्ञानिकों ने 75 करोड़ (750 Milions) से ज्यादा ऐसे मच्छर तैयार किए हैं जिन्हें अनुवांशिक रूप से अपने साथी मच्छरों के खिलाफ ही लडऩे और उनका सफाया करने के लिए तैयार किया गया है। इस पायलट प्रोजेक्ट को ट्रंप प्रशासन और पर्यावरण संरक्षण विभाग की ओरसे पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। लेकिन फ्लोरिडा में इस परियोजना का पता चलने पर स्थानीय लोग इसके विरोध में उतर आए थे। लेकिन जब लोगों को पता चला कि ये जेनेटिकली मोडिफाइड मच्छर उनके इलाके में डेंगू (Dengue), चिकनगुनिया (Chikengunya), जीका (Zika) और पीला बुखार (Yellow fever) जैसी जानलेवा बीमारी फैलाने वाली मादा एडीज एजिप्टी (Aedes aegypti) मच्छर का सफाया करने का काम करेंगे उन्होंने भी प्रोजेक्ट के लिए स्वीकृति दे दी है। दरअसल ये मच्छर मादा एडीज मच्छर को पहचानकर उस पर कीटनाशक का छिड़काव कर उन्हें खत्म करने का करेंगे।
अनुवांशिक रूप से मानव द्वारा तैयार किए गए करोड़ों मच्छर लडेंग़े जीका वायरस से

ऐसे बनाए ये खास ‘मच्छर मित्र ‘
वैज्ञानिकों ने इस मच्छर को ‘OX5034’ नाम दिया है। दरअसल वैज्ञानिकों ने OX5034 को मादा संतान पैदा न कर पाने के लिए जेनेटिकली बदल दिया गया है। लार्वा अवस्था में आने से पहले यह इतनी बड़ी हो जाती है कि इंसानों को काटकर उनमें खतरनाक बीमारी फैला सके। क्योंकि केवल मादा मच्छर ही अपने अंडों को बड़ा करने के लिए इंसानी रक्त की जरुरत होती है जिसे वह त्वचा पर काटकर चूसती है। जबकि इस प्रजाति के नर मच्छर रोगवाहक नहीं हैं। अनुवांशिक रूप से जैव डिजायन में परिवर्तन करने में विशेषज्ञ अमरीकी कंपनी ऑक्सीटेक इन मच्छरों को तैयार किया है।

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