
दुनिया की सबसे महंगी दवा, दुर्लभ बीमारी के लिए 18 करोड़ रुपए की एक डोज
लंदन। दुनिया में कई ऐसी दुर्लभ बीमारियां हैं, जो केवल गिने-चुने लोगों को ही होती हैं। जाहिर है इन बीमारियों के लिए दवाएं भी खास होती हैं और साथ ही इनकी कीमत भी। ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) ने दुर्लभ आनुवांशिक बीमारी जेनेटिक स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) को ठीक करने के लिए दुनिया की सबसे महंगी दवा जोलगेन्समा को मंजूरी दे दी। इस दवा की एक खुराक की कीमत 18 करोड़ रुपए है। एनएचएस इंग्लैंड ने एक बयान में कहा कि नोवार्टिस जीन थैरेपी द्वारा निर्मित इस दवा को मंजूरी दी है। फरवरी में भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी ने 5 माह की बच्ची के लिए जोलगेन्समा मंगवाने पर टैक्स माफ किया था। बता दें कि जो बीमारियां दुनिया में मु_ी भर लोगों को होती हैं, उनके लिए बनने वाली दवाओं को 'ऑरफन ड्रग्स' कहा जाता है।
132 बिलियन डॉलर का बाजार -
विशेषज्ञों के मुताबिक ऑरफन ड्रग्स का बाजार करीब 132 बिलियन डॉलर का है। 2025 तक इसके 200 बिलियन डॉलर का होने की उम्मीद है। यूरोप में 60 से ज्यादा ऑरफन ड्रग्स हैं।
यहां है जरूरत-
एसएमए से ग्रसित रोगियों को इस दवा की जरूरत पड़ती है। यह बीमारी शरीर में एसएमएन-1 जीन की कमी से होती है। इससे पीडि़त मरीजों को लकवा मार सकता है।
Published on:
10 Mar 2021 02:00 pm
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