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कैंसर से बचाव ही है इलाज, 40 की उम्र बाद बढ़ता खतरा

वैसे तो कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है और कई बार इसके कारणों का पता भी नहीं चलता है। लेकिन 70-80 फीसदी कैंसर ऐसे हैं जिनका खतरा 40 वर्ष के बाद होता है। अगर इसी उम्र से कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो कैंसर के खतरे को घटाया जा सकता है।

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कैंसर से बचाव ही है इलाज, 40 की उम्र बाद बढ़ता खतरा

कैंसर से बचाव ही है इलाज, 40 की उम्र बाद बढ़ता खतरा

हाल ही दो सितारे 67 वर्षीय ऋषि कपूर और 54 साल के इरफान खान का देहांत कैंसर से हुआ है। ऋषि कपूर को एक्यूट मायलोमा ल्यूकेमिकया (एक तरह का ब्लड कैंसर) और इरफान खान को न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर (हार्मोन को प्रभावित करने वाला कैंसर) था। वैसे तो कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है और कई बार इसके कारणों का पता भी नहीं चलता है। लेकिन 70-80 फीसदी कैंसर ऐसे हैं जिनका खतरा 40 वर्ष के बाद होता है। अगर इसी उम्र से कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो कैंसर के खतरे को घटाया जा सकता है।
40 वर्ष के बाद खतरा क्यों...
इस उम्र के बाद कोशिकाएं कमजोर होने लगती और क्षतिपूर्ति कम होती हैं। कैंसर सेल्स ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। इससे बचाव के लिए अच्छी लाइफ स्टाइल व हैल्दी डाइट रखें। नियमित डॉक्टरी सलाह पर अपनी जांचें भी करवाते रहें। कुछ टीके भी लगवाएं।
प्रमुख कारण
अधिक मात्रा में जंक-फास्ट फूड, सोडा ड्रिंक्स, कृत्रिम और सिंथेटिक मिठाइयों और प्रिजर्वेटिव्स का अधिक सेवन, अनाज, फल सब्जियों को उगाने में कीटनाशक का उपयोग, व्यायाम की कमी, तंबाकू, सिगरेट और अल्कोहल आदि नशा करना है। अधिक मात्रा में कैफीन और तेजी से बढ़ते प्रदूषण के साथ कुछ लोगों में आनुवांशिक कारणों से भी कैंसर हो सकता है।
इनसे करें बचाव
कई दवाइयों से भी कैंसर का खतरा बढ़ता है। अपने मन से कोई दवा न लें। कैंसर का बड़ा कारण तनाव भी है। तनाव से बचें। अधिक मात्रा में इलेक्टॉनिक्स गैजेट्स के इस्तेमाल से भी बचें और कोई नशा न करें। कोई लक्षण दिखे तो अनदेखी न करें।
चीनी-नमक कम और पर्याप्त नींद जरूरी
डाइट में भरपूर मात्रा में पत्तेदार सब्जियां, फलियां व फाइबर वाली डाइट लें। टमाटर, ब्रोकली, नींबू, ग्रीन टी, फूलगोभी, लहसुन, पत्तागोभी, एवोकाडो, गाजर आदि लें। संतरा, कीनू, पपीता, सेब, आंवला आदि भी लेते रहें। मसालों में हल्दी, अदरक और कालीमिर्च खाएं।
डाइट में चीनी और नमक कम मात्रा में लें। एक शोध में कहा गया है कि महिलाओं को ज्यादा शक्कर लेने से कोलोरेक्टल कैंसर की आशंका बढ़ती है। ज्यादा नमक से पेट का कैंसर का खतरा बढ़ता है।
ट्रांस फैट यानी जो तेल बार-बार गर्म किया जाता है जैसे दुकानों पर समोसा-कचौरी आदि के लिए इस्तेमाल किया जाता है उसे खाने से बचें। यह कैंसर कारक होता है।
कुछ शोधों में कहा गया है कि अधिक समय तक गर्भनिरोधक गोलियां लेने से भी कैंसर का खतरा बढ़ता है। डॉक्टरी सलाह से ही लें। इससे महिलाओं में स्तन और लिवर का कैंसर हो सकता है।
वायु प्रदूषण से फेफड़े आदि का कैंसर पहले से अधिक बढ़ा है। प्रदूषित क्षेत्रों में जानें से बचें। अगर जाते भी हैं तो मास्क का उपयोग करें।
अपर्याप्त नींद से भी कैंसर की आशंका रहती है। हार्मोनल बैलेंस बिगडऩे से कई तरह का कैंसर हो सकता है। इसलिए 7-8 ïïघंटे की नींद रोजाना जरूरी है।
जो लोग रोजाना 45 मिनट व्यायाम करते हैं उनमें कैंसर रिस्क बहुत कम हो जाती है। इसलिए नियमित व्यायाम करें। इससे दूसरी समस्याओं से भी बचाव होता है।
कैंसर रोगी ज्यादा एहतियात बरतें
कैंसर के मरीजों की इम्युनिटी बहुत कमजोर होती है। उनमें संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा रहता है। इसलिए अभी जरूरी न हो तो हॉस्पिटल जाने से बचें। अपने डॉक्टर से मोबाइल से दवा आदि की जानकारी कर लें। बहुत जरूरी हो तो ही हॉस्पिटल जाएं। साथ ही अपनी दिनचर्या सही रखें। खाने में हैल्दी डाइट लें। भरपूर मात्रा में गुनगुना पानी पीएं।
डॉ. संदीप जसूजा, चिकित्सा अधीक्षक, स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट, जयपुर