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नॉन स्मोकर्स के फेफड़ों में कैंसर के जोखिम की पहचान करेगा एआई डिवाइस: रिसर्च

भारतीय मूल के एक शोधकर्ता सहित अन्‍य शोधकर्ताओं के शोध में यह बात सामने आई है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उपकरण चेस्‍ट के एक्स-रे से बिना धूम्रपान करने वालों में कैंसर की पहचान कर सकता है।

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जयपुर

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Jaya Sharma

Nov 25, 2023

कैंसर से होने वाली मौतों का सबसे आम कारण फेफड़ों का कैंसर है

नॉन स्मोकर्स के फेफड़ों में कैंसर के जोखिम की पहचान करेगा एआई डिवाइस: रिसर्च

कैंसर से होने वाली मौतों का सबसे आम कारण फेफड़ों का कैंसर है। लगभग 10-20 प्रतिशत फेफड़े के कैंसर धूम्रपान न करने वाले उन लोगों में होते हैं, जिन्होंने कभी सिगरेट नहीं पी है या अपने जीवनकाल में 100 से कम सिगरेट पी हैं। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह परीक्षण करके धूम्रपान न करने वालों में फेफड़ों के कैंसर के जोखिम का पता लगाने की कोशिश की है। यह एआई से संभव हो पाया है। यह उपकरण इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड से उनके सीने के एक्स-रे के आधार पर कभी धूम्रपान न करने वालों को फेफड़ों के कैंसर के उच्च जोखिम की पहचान कर सकता है।

एक्सरे की करेगा जांच
डीप लर्निंग एक उन्नत प्रकार का एआई है, जिससे बीमारी से जुड़े पैटर्न का पता लगाने के लिए एक्स-रे की जांच की जा सकेगी। बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में मेडिकल छात्रा, मुख्य लेखिका अनिका एस. वालिया ने बताया कि इस जांच में सिर्फ एक्सरे की जरूरत होगी, जो सीने की सबसे आम जांच में से एक है।

ऐसे तैयार हुआ इनपुट
सीएक्सआर-लंग-रिस्क मॉडल इनपुट के रूप में एकल चेेेस्‍ट एक्स-रे छवि के आधार पर फेफड़ों से संबंधित मृत्यु दर जोखिम के बारे पता लगाएगा। इसे 40,643 धूम्रपान करने वालों और कभी धूम्रपान न करने वालों के 1,47,497 चेस्‍ट एक्स-रे का उपयोग करके विकसित किया गया था। साधारण शब्दों में यह एआई उपकरण इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड में मौजूदा चेस्‍ट एक्स-रे का उपयोग करके कभी भी धूम्रपान न करने वालों के लिए फेफड़ों के कैंसर के उच्च जोखिम की स्क्रीनिंग कर सकेगा।