
एक नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल चिकित्सकों को एट्रियल फाइब्रिलेशन (या एएफआईबी) के लिए मरीजों की बेहतर जांच करने में मदद कर सकता है
एक नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल चिकित्सकों को एट्रियल फाइब्रिलेशन (या एएफआईबी) के लिए मरीजों की बेहतर जांच करने में मदद कर सकता है। यह मॉडल किसी व्यक्ति की सामान्य दिल की धड़कन में छोटे बदलावों को पकड़ता है जो एएफआईब जोखिम का संकेत देता है, जिसे मानक स्क्रीनिंग परीक्षण पता नहीं लगा सकते हैं।
ऐसे हुई स्टडी
जर्नल एनपीजे डिजिटल मेडिसिन में वर्णित निष्कर्षों में लगभग आधे मिलियन लोगों के डेटा का उपयोग किया गया था, जिनमें से प्रत्येक ने दो सप्ताह तक अपने दिल की लय को रिकॉर्ड करने के लिए इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) पैच पहना था। इसके बाद डेटा की स्टडी की गई।
जोखिम का पहले ही चलेगा पता
यह नया मॉडल उन लोगों का बेहतर ढंग से पता लगाने की क्षमता रखता है जो एएफआईबी के जोखिम में हैं। उन लोगों में स्ट्रोक और दिल की विफलता सहित हार्ट संबंधी कई परेशानियों को रोका जा सकता है।
क्या है एएफआईबी
एएफआईबी के कारण अनियमित दिल की धड़कन के कारण हृदय में रक्त जमा हो सकता है और रक्त के थक्के बन सकते हैं, जो स्ट्रोक में योगदान कर सकते हैं। एएफआईबी दिल की विफलता या मृत्यु के बढ़ते जोखिम से भी जुड़ा है। लेकिन यह एआई मॉडल वास्तव में उन लोगों की मदद कर सकता है जिनके पास बहुत ही कम एएफआईब एपिसोड हैं, फिर भी वे निदान और हस्तक्षेप से लाभान्वित हो सकते हैं।
Published on:
13 Dec 2023 05:54 pm
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