1. हृदय के लिए
डाइटरी फाइबर और लिनोलेइक एसिड की भरपूर मौजूदगी के कारण शहतूत में रक्त में मौजूद वसा को कम करने वाला प्रभाव पाया जाता है। जिससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है। इसके अलावा, शहतूत के पेड़ की पत्तियों में रक्तचाप को नियंत्रित करने वाला एंटी-हाइपरटेंसिव प्रभाव भी होता है। रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल, ये दोनों ही हृदय संबंधी जोखिम कारक हैं। इसलिए से शहतूत का सेवन हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है।
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2. रक्त संचार में सुधार हेतु
शहतूत के सेवन से रक्त शुद्धीकरण के साथ ही ब्लड सरकुलेशन में भी सुधार करने में मदद मिल सकती है। क्योंकि शहतूत में कुछ ऐसे फाइटोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं, जो खून में मौजूद अशुद्धियों को दूर करके रक्त परिसंचरण की प्रक्रिया को नियंत्रित कर सकते हैं।
3. हीमोग्लोबिन बढ़ाए
एनीमिया रोग के लिए भी शहतूत के फायदे देखे जा सकते हैं। माना जाता है कि, शहतूत में एंटी-हीमोलिटिक प्रभाव पाया जाता है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने के साथ ही एनीमिया के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है। इसलिए जिस व्यक्ति को खून की कमी यानी एनीमिया की समस्या है, उन्हें शहतूत का सेवन करना फायदा पहुंचा सकता है।
4. पाचन क्रिया के लिए
विशेषज्ञों की मानें तो शहतूत की पत्तियों में बेहतर पाचन के लिए कुछ विशेष तत्व पाए जाते हैं। जिससे पाचक रसों के बनने की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है। वहीं, शहतूत के कच्चे फल से बना पाउडर पाचन प्रक्रिया को बेहतर करने में सक्षम हो सकता है। इसलिए जिन लोगों को पेट संबंधी समस्याएं हैं, उनके पाचन को दुरुस्त करने के लिए शहतूत लाभदायक साबित हो सकता है।