सरसों के तेल का इस्तेमाल दांत संबंधी समस्याओं को कम करने में लाभदायक हो सकता है। सरसों के तेल को यदि आप हल्दी के साथ इस्तेमाल करते हैं तो ये दातों से जुड़ी हुई कई समस्याओं को दूर करने में कारगर होता है। जैसे कि मसूड़े की सूजन, दातों में पीला पन आदि समस्यों को दूर करने में कारगर होता है। इसे आप हफ्ते में दो या तीन जरूर करें। ये दातों में हुए इन्फेक्शन की प्रॉब्लम से भी निजात दिलाने में सक्षम होता है।
सरसों का तेल इन्फेक्शन की समस्या को भी दूर कर सकता है। इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल जैसे अनेकों तत्व मौजूद होते हैं। वहीं इसका इस्तेमाल सर्दी, सिर के दर्द जैसी समस्याओं से भी निजात दिलाने का काम करता है। सिर दर्द होने पर आप हल्का सरसों के तेल को गर्म करके बालों में लगा सकते हैं। इससे काफी हद तक आपको आराम मिलेगा और आप रिलैक्स फील करेंगें।
सरसों के तेल को आप जोड़ों और मांसपेशियों में हो रहे दर्द से आराम पाने के लिए भी कर सकते हैं। यदि आपको ऐसी समस्या रहती है तो हल्का सा सरसों के तेल को गर्म करके नियमित रूप से हल्के हाथों से मारिश कर सकते हैं। ये शरीर में रक्त के संचार को सुधार करने का काम करता है। वहीं सरसों के तेल में ओमेगा 3 की भरपूर मात्रा भी पाई जाती है जो जोड़ों और मांसपेशियों में हो रहे दर्द को कम करने में आपकी मदद करती है।
सरसों के तेल में विटामिन ई की भरपूर मात्रा पाई जाती है। ये विटामिन ई स्किन के लिए अच्छा माना जाता है। इसके रोजाना सेवन सिर्फ शरीर को ही फायदा नहीं मिलता बल्कि स्किन में भी ये ग्लो लेकर आने का काम करता है। ये आपकी स्किन को नेचुरल रूप से ग्लोइंग बना के रखने में मदद करता है।
अस्थमा की समस्या श्वास से जुड़ी एक समस्या है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार ये बात पता चली है कि सरसों के तेल में सेलेनियम पाया जाता है जो कि अस्थमा के प्रभाव को कम करने में काफी हद तक फायदेमंद हो सकता है। इसलिए अस्थमा के रोगी सरसों के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।