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गुस्सा चिढ़ तनाव भी हैं दिल की बीमारियों के लिए हानिकारक जानें बचाव के उपाय

locationनई दिल्लीPublished: Nov 26, 2021 10:59:09 am

Submitted by:

MD IMRAN AHMAD

दिल की सेहत का ठीक रहना इंसान के ज़िंदा रहने के लिए बहुत जरूरी होता है। आज के समय में खराब खानपान और दरहम-बरहम ज़िंदगी की वजह से लाखों लोग दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। दिल से जुड़े रोग यानी कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा अब कम उम्र के लोगों में भी बढ़ रहा है। कई शोध और अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि कार्डियोवैस्कुलर डिजीज एक मनोवैज्ञानिक समस्याएं भी हैं। आज कल तनाव गुस्सा चिंता दुःख चिढ़ और आपकी दूसरी मनोवैज्ञानिक के कारण दिल की बीमारियां हो रहीं हैं ।

Anger, irritating stress are also harmful for heart disease

Anger, irritating stress are also harmful for heart disease

नई दिल्ली : हाल के कुछ सालों में दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बहुत तेजी से बढ़ा है। आज के समय में कोरोनरी हार्ट डिजीज सबसे प्रमुख स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा है। कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की समस्याएं बेहद चिंताजनक हैं। कई शोध और अध्ययन इस बात की जानकारी देते हैं कि दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों का जोखिम मनोवैज्ञानिक स्थितियों और मानसिक समस्याओं के कारण भी बढ़ जाता है। आइये जानते हैं इनके बारे में।
दिल की बीमारियों के मनोवैज्ञानिक जोखिम

दिल से जुड़ी तमाम बीमारियां तनाव स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं के कारण भी हो सकती हैं। हर इंसान की तनाव झेलने की क्षमता अलग-अलग होती है और एक स्तर तक ही व्यक्ति तनाव जैसी समस्या को कंट्रोल में रख सकता है। आज के समय में लोगों में कामकाज के प्रेशर रिश्तों में अनबन और आर्थिक स्थितियों के कारण कई तरह की मानसिक समस्याएं हो रही हैं। ऐसे में आपको इन चीजों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।
1. ज्यादा गुस्से की वजह से दिल की बीमारी का खतरा
कई अध्ययन और शोध इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि जिन व्यक्तियों में क्रोध यानी गुस्सा बहुत जल्दी आता है उन्हें दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम अधिक होता है। ज्यादा गुस्सा करने वाले लोगों में ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्या भी हो सकती है जिसके कारण दिल से जुड़ी बीमारियां होती हैं।
2. ज्यादा दुःख के कारण
बहुत ज्यादा दुःख की स्थिति में रहने वाले लोगों को भी दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम सामान्य लोगों की तुलना में अधिक रहता है। ऐसे लोग जो हर समय दुःख से घिरे रहते हैं उन्हें कई मानसिक बीमारियां हो सकती हैं जिसकी वजह से दिल की बीमारी का जोखिम भी बढ़ जाता है।
3. डिप्रेशन की वजह से दिल की बीमारी का खतरा

डिप्रेशन की समस्या इंसान को सिर्फ मानसिक रूप से ही नहीं बल्कि शारीरिक रूप से भी परेशान करती है। डिप्रेशन या अवसाद ग्रस्त व्यक्ति को दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा अन्य व्यक्तियों की तुलना में अधिक होता है।
दिल की बीमारी से बचाव के टिप्स
स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी समस्या के लंबे समय तक शिकार होने के कारण आपको दिल से जुड़ी कई गंभीर बीमारियों का खतरा होता है। चिंता और तनाव के कारण आपके ब्लड प्रेशर के स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है । तनाव और डिप्रेशन के कारण होने वाली दिल की बीमारियों से बचाव के लिए इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
1. तनाव और चिंता की समस्या बढ़ने पर एक्सपर्ट डॉक्टर से इलाज जरूर कराएं।
2. खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव करें।
3. अल्कोहल के सेवन से बचें।
4. स्मोकिंग की लत को छोड़ें।
5. जंक फूड्स या प्रोसेस्ड फूड का सेवन न करें।
6. चीनी और साल्ट के सेवन से भी परहेज रखें।
7. हार्ट के लिए फायदेमंद ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें।
8. रोजाना एक्सरसाइज या योग जरूर करें।


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