एक्सपर्ट : डॉ. शर्मिष्ठा विजय, एसोसिएट प्रोफेसर, गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज, जयपुर
जयपुरPublished: Jun 19, 2020 10:33:47 pm
Ramesh Singh
ब्लड में शुगर की मात्रा बढऩे से मुंह की लार में शुगर व स्टार्च की मात्रा भी बढ़ जाती है। इससे मुंह में नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया पनपते हैं, जो मसूड़ों में संक्रमण पैदा करता है।
लं बे समय से डायबिटीज भी दांतों को नुकसान पहुंचाती है। डायबिटीज शरीर में इंसुलिन के उत्पादन की क्षमता को प्रभावित करती है। यह एक प्रकार का हार्मोन होता है जो भोजन को ऊर्जा में बदलता है और उसे कोशिकाओं तक पहुंचाने का काम करता है। इंसुलिन कम बनने से ब्लड में शुगर की मात्रा बढऩे लगती है। इससे मुंह की लार में शुगर व स्टार्च की मात्रा भी बढ़ जाती है। इससे मुंह में नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया पनपते हैं, जिससे प्लाक (बैक्टीरिया के मुंह में जमा होने से दांतों के बीच एक तरह की लेयर) बन जाता है, जो मसूड़ों में संक्रमण पैदा करता है। दांतों की ऊपरी परत (इनेमल) एसिड के संपर्क में रहती है जिससे दांत खराब होते हैं।
ये सावधानियां बरतें
सुबह नाश्ते के बाद, रात में सोने से पहले ब्रश करें। दांतों को साफ करने के लिए हमेशा अपने दांतों की बनावट के अनुसार अच्छे ब्रश व दंत मंजन का प्रयोग करें। दांतों को साफ करने के लिए किसी प्रकार की लकड़ी, किसी अन्य धातु से बनी चीजों का प्रयोग न करें। मसालेदार व गरम चीजें कम खाएं।
एक्सपर्ट : डॉ. शर्मिष्ठा विजय, एसोसिएट प्रोफेसर, गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज, जयपुर