बादाम से बच्चों को उचित पोषण मिलता है और यह शरीर के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। बादाम एक जीरो ग्लाइसेमिक फूड है। साथ ही इससे आपके बच्चे का पाचन तंत्र भी मजबूत होता है। बादाम खाने से बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और दिमाग भी तेज होता है।
गाजर विटामिन और बीटा कैरोटीन से भरपूर होता है। यह आंखों बाल और त्वचा के लिए बहुत अच्छा होता है। गाजर में नैचुरल मिठास और उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है। यह कोशिकाओं के लिए विकास में भी मदद करता है और हृदय फेफड़ों और गुर्दे के लिए फायदेमंद होता है।
हमें पता है कि सर्दियों में हल्दी वाला दूध स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। हल्दी और शहद में कई एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो बच्चों के विकास के लिए बहुत जरूरी है। साथ ही सर्दियों में हल्दी खांसी और जुकाम को दूर करने में मदद करता है। शहद भी गले की खराश में आराम देता है।
बच्चों को डार्क चॉकलेट बहुत पसंद होती है। डार्क चॉकलेट में उच्च एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो कई तरह की बीमारियों से लड़ने में मदद करता है । यह आपके बच्चे के दिल का ख्याल भी रखता है। ऐसे में आप डार्क चॉकलेट सिरप या पाउडर का इस्तेमाल करके बच्चों के लिए टेस्टी चॉकलेट मिल्क शेक बना सकते हैं।
केसर आपके बच्चों की हड्डियों को मजबूत बनाता है और कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाने में भी मदद करता है। केसर पेट से विषाक्त पदार्थ को साफ करने में सहायक होता है और एक गैस्ट्रिक टॉनिक के रूप में काम करता है। यह पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाता है।
अंजीर उन फलों में से एक है जो बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। यह पाचन बढ़ाने में भी सहायक होता है और कई पोषक तत्व भी प्रदान करता है। बच्चों के शारीरिक विकास के लिए अंजीर बहुत अच्छा होता है।
बच्चों को दूध पिलाने का सही समय तब होता है, जब उन्हें थोड़ी भूख लगी हो। इस समय वह दूध अच्छे से पी लेंगे। आप बच्चों को शाम में खेलकर आने के बाद या सुबह में स्कूल जाने से पहले दूध पिला सकते हैं। बहुत ज्यादा खाना खाने के बाद बच्चों को दूध न दें। इसे वह पचा नहीं पाते हैं। लेकिन अगर इन सब उपायों के बाद भी आपके बच्चे को दूध पसंद नहीं आ रहा है और वह दूध पीने में बहाने बना रहा है तो, आप अपने बच्चे को डॉक्टर के पास जरूर ले जाएं।