Benefits of Chewing Food Properly : खाने को सही से चबाना सिर्फ उसे तोड़ने तक ही सीमित नहीं है बल्कि ये हमारे पाचन और पूरी सेहत के लिए बेहद जरूरी है। आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि चबाने का सीधा संबंध हमारे शरीर के गहरे विज्ञान से है। तो अगली बार से ध्यान रखें ठीक से चबाकर खाना आपकी सेहत के लिए बहुत फ़ायदेमंद है।
Benefits of Chewing Food Properly : आजकल हमारी जिंदगी इतनी भागदौड़ भरी हो गई है कि हम अक्सर खाना जल्दी-जल्दी निगल लेते हैं, बिना ये सोचे कि हम उसे कितनी बार चबा रहे हैं। हमें लगता है कि इसमें क्या बड़ी बात है? लेकिन यकीन मानिए, ये छोटी सी लापरवाही आपकी सेहत को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। अब वक्त आ गया है कि हम समझें कि खाना ठीक से चबाना सिर्फ उसे तोड़ने तक ही सीमित नहीं है बल्कि ये हमारे पाचन और पूरी सेहत के लिए बेहद जरूरी है। आप हैरान रह जाएंगे ये जानकर कि चबाना हमारे शरीर की कितनी गहरी विज्ञान से जुड़ा है।
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खाने को कितनी बार चबाना चाहिए, इसका कोई पक्का नियम नहीं है पर हर कौर को लगभग 30-32 बार चबाने की सलाह दी जाती है। हालांकि कोई तय संख्या नहीं है पर कुछ शोध बताते हैं कि आपको अपनी चबाने की क्षमता को कितना बढ़ाना चाहिए। 2014 के एक अध्ययन में पाया गया कि अगर लोग अपनी सामान्य चबाने की संख्या का 150% या 200% ज्यादा चबाते हैं तो वे कम खाना खाते हैं। सबसे खास बात ये कि कम खाने के बावजूद उन्हें पेट भरा हुआ महसूस होता है। इसका मतलब ये हुआ कि ज्यादा चबाना सिर्फ पाचन के लिए नहीं, बल्कि वजन कंट्रोल करने और धीरे खाने में भी मदद करता है।
पाचन खराब होना: चबाना पाचन का पहला कदम है। अगर खाना ठीक से नहीं चबाया जाता, तो पेट में गैस, सूजन और अपच हो सकती है।
ज्यादा खाना और वजन बढ़ना: अगर आप तेजी से खाते हैं और कम चबाते हैं तो आपका वजन बढ़ सकता है। धीरे खाने से दिमाग को पेट भरने का संकेत मिलने में करीब 20 मिनट लगते हैं जिससे आप जरूरत से ज्यादा खाने से बचते हैं।
ब्लड शुगर पर असर: जल्दी-जल्दी खाने से टाइप 2 मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है। अच्छी बात ये है कि आप अपनी खाने की गति पर काम कर सकते हैं।
छोटे-छोटे निवाले लें: इससे आप स्वाभाविक रूप से बेहतर चबाते हैं।
स्क्रीन से दूर खाएं: ध्यान से खाने की आदत डालें, इससे खाना अच्छे से पचता है।
बनावट पर ध्यान दें: खाने को तब तक चबाएं जब तक वो मुलायम या पेस्ट जैसा न हो जाए।
खाने के साथ ज्यादा पानी न पिएं: इससे पाचक एंजाइम पतले हो सकते हैं।
आयुर्वेद में भी पाचन को अग्नि कहते हैं और चबाना इस अग्नि को जलाने का पहला कदम है। तो अगली बार जब खाने बैठें तो याद रखें धीरे-धीरे, ध्यान से और अच्छी तरह चबाएं। ये सिर्फ एक आदत नहीं, बल्कि स्वस्थ जीवन की ओर एक बड़ा कदम है।