क्या है ब्लड क्लॉटिंग
ब्लड नसों में तरल रूप में होता है, लेकिन कई बार ब्लड में कुछ कारणों थक्का बन जाते हैं। ब्लड क्लॉटिंग एक जेल की तरह होता है। चोट लगने पर अगर खून बाहर नहीं निकलता है उसके अंदर ही अंदर जमने का जोखिम बना रहता है। चोट के अलावा कई बार कुछ बीमारियों या खूना गाढ़ा होने पर भी क्लाटिंग बन सकत है। शरीर की ब्लड सेल्स में जब खून के थक्के बनने लगते हैं तो हृदय और शरीर के अन्य भागों में ऑक्सीजन नहीं पहुंचता जिससे दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थिति पैदा हो सकती है।
ब्लड नसों में तरल रूप में होता है, लेकिन कई बार ब्लड में कुछ कारणों थक्का बन जाते हैं। ब्लड क्लॉटिंग एक जेल की तरह होता है। चोट लगने पर अगर खून बाहर नहीं निकलता है उसके अंदर ही अंदर जमने का जोखिम बना रहता है। चोट के अलावा कई बार कुछ बीमारियों या खूना गाढ़ा होने पर भी क्लाटिंग बन सकत है। शरीर की ब्लड सेल्स में जब खून के थक्के बनने लगते हैं तो हृदय और शरीर के अन्य भागों में ऑक्सीजन नहीं पहुंचता जिससे दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थिति पैदा हो सकती है।
शरीर के विभिन्न अंगों में बनने वाले खून के थक्के का संकेत- Indication of blood clots forming in different parts of the body हाथ-पैरों में थक्के
हाथ या पैर में अगर थक्के बनने को डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) के रूप में जाना जाता है। इस अंग में जब ब्लड क्लॉटिंग होती है तो हाथ-पैर में सूजन, दर्द, ऐंठन, सनसनी और खुजली की समस्या बढ़ जाती है। इसके अलावा स्किन पर गहरे लाल या नीले रंग की नसों उभरने लगती हैं। ये क्लाटिंग का ही संकेत है।
हाथ या पैर में अगर थक्के बनने को डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) के रूप में जाना जाता है। इस अंग में जब ब्लड क्लॉटिंग होती है तो हाथ-पैर में सूजन, दर्द, ऐंठन, सनसनी और खुजली की समस्या बढ़ जाती है। इसके अलावा स्किन पर गहरे लाल या नीले रंग की नसों उभरने लगती हैं। ये क्लाटिंग का ही संकेत है।
हार्ट में ब्लड क्लॉटिंग
हालांकि ब्लड में सीधे तौर पर क्लॉटिंग नहीं होती, लेकिन जब शरीर में कहीं भी क्लाटिंग होती है तो ये क्लॉट हार्ट तक पहुंच जाते हैं। ऐसे में जान को खतरा होता है। दिल के पास जब ये क्लॉटिंग पहुंचती है तो सीने में भारीपन, चक्कर आना और सांस फूलने जैसे लक्षण दिखते हैं।
हालांकि ब्लड में सीधे तौर पर क्लॉटिंग नहीं होती, लेकिन जब शरीर में कहीं भी क्लाटिंग होती है तो ये क्लॉट हार्ट तक पहुंच जाते हैं। ऐसे में जान को खतरा होता है। दिल के पास जब ये क्लॉटिंग पहुंचती है तो सीने में भारीपन, चक्कर आना और सांस फूलने जैसे लक्षण दिखते हैं।
दिमाग में खून के थक्के
मस्तिष्क में ब्लड क्लॉटिंग बेहद खतरनाक होती है। अगर अचानक से तेज सिर दर्द, बेहोशनी या देखने, सुनने या बोलने में दिक्कत होने लगे तो समझ लें ब्लड क्लॉटिंग का ये संकेत है।
मस्तिष्क में ब्लड क्लॉटिंग बेहद खतरनाक होती है। अगर अचानक से तेज सिर दर्द, बेहोशनी या देखने, सुनने या बोलने में दिक्कत होने लगे तो समझ लें ब्लड क्लॉटिंग का ये संकेत है।
लंग्स में खून के थक्के
फेफड़ों में खून का थक्का हाथ और पैरों की नसों से पहुंचता है। सीने में दर्द, धड़कन, सांस लेने में तकलीफ या खांसी जैसी समस्या का होना इस बीमारी का संकेत है।
फेफड़ों में खून का थक्का हाथ और पैरों की नसों से पहुंचता है। सीने में दर्द, धड़कन, सांस लेने में तकलीफ या खांसी जैसी समस्या का होना इस बीमारी का संकेत है।
पेट में ब्लड क्लॉट
ब्लड क्लॉटिंग की समस्या पेट में जब होती है तो पेट में गंभीर दर्द और सूजन होती है। कई बार फूड प्वॉयजनिंग की समस्या भी नजर आती है। आंतों की नसों में खून के थक्के
आंतों की नसों में भी ब्लड क्लॉटिंग हो सकती है। आंतों में खून के थक्के बनने की वजह लिवर की समस्याओं या गर्भनिरोधक गोलियों के अत्यधिक उपयोग हो सकती है। ऐसे मामलों में पेट में तेज दर्द, दस्त (डायरिया), खूनी मल निकल सकता है।
ब्लड क्लॉटिंग की समस्या पेट में जब होती है तो पेट में गंभीर दर्द और सूजन होती है। कई बार फूड प्वॉयजनिंग की समस्या भी नजर आती है। आंतों की नसों में खून के थक्के
आंतों की नसों में भी ब्लड क्लॉटिंग हो सकती है। आंतों में खून के थक्के बनने की वजह लिवर की समस्याओं या गर्भनिरोधक गोलियों के अत्यधिक उपयोग हो सकती है। ऐसे मामलों में पेट में तेज दर्द, दस्त (डायरिया), खूनी मल निकल सकता है।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।