आपको गर्भावस्था के दौरान ब्लड प्रेशर बढ़ने पर उसे कंट्रोल करने के कुछ तरीके बताएंगे। आपको इस दौरान हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से निजात मिले। इसके लिए आपको ज्यादा श्रम भी नहीं करना है और आसानी से कुछ व्यायाम कर आप इसे कंट्रोल कर सकते हैं। क्योंकि ब्लड प्रेशर का असर किडनी और हार्ट पर भी पड़ता है। इसलिए इसे कंट्रोल करना जरूरी होता है।
अगर आप को गर्भावस्था के दौरान ब्लड प्रेशर बढ़ने की समस्या आ रही है। तो आप सूक्ष्म व्यायाम करें। जिससे आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहेगा और आप भी स्वस्थ रहें। इसके लिए आपको अनुलोम विलोम करना चाहिए। जो बहुत ही आसान होता है। इसके लिए स्वच्छ वातावरण में बैठे और दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगाएं। अब तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ ले। अब बाये नाक की ओर से सांस भरे और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाए और सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को आप 5 मिनट से लेकर जब तक आप कर सकते हैं अधिकतम 20 से 25 मिनट तक कर सकते हैं।
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए आप भ्रामरी भी कर सकते हैं। इसके लिए आपको गहरी सांस भरना है। और इसे अपनी उंगलियों को ललाट में रखते हुए 3 उंगलियों से आंखों को बंद करें। अब अंगूठे से कान को बंद करें और मुंह को बंद कर ॐ का नाद करें। इस प्राणायाम को आप 15 से 20 बार कर सकते हैं।
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए आप शीतली प्राणायाम कर सकते हैं। इसके लिए आप आराम से रीढ़ की हड्डी सीधी करके बैठे, फिर जीभ को बाहर निकालकर सांस लेते रहें। इसके बाद दाएं नाक से हवा को बाहर निकाले। इस प्राणायाम को 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं। इसी के साथ शीतकारी प्राणायाम भी कर सकते हैं। इसमें होंठ खोलकर, दांत बंद रखें, दांतों से धीमे धीमे सांस लें, और मुंह बंद करें। थोड़ी देर रुकने के बाद दाए नाक से हवा बाहर निकाले और बाएं से हवा अंदर लें।
गर्भावस्था के दौरान आप ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए कुछ घरेलू उपाय भी कर सकते हैं। इसके तहत आप रोज सुबह एक गिलास लौकी का जूस पीएं। एक कॉटन के कपड़े में थोड़ी आइस क्यूब डालकर स्पाइन की मालिश करें। ठंडे पानी में कपड़े की पट्टी की भिगोकर माथे पर रखें। इन प्रक्रियाओं से भी बीपी कंट्रोल होगा।
आपको यह उपाय सामान्य जानकारी के आधार पर बता रहे हैं। लेकिन गर्भावस्था के दौरान आप चिकित्सक की सलाह लिए बिना कोई भी काम नहीं करें । अगर वे योग प्राणायाम की सलाह देते हैं। तो प्रशिक्षित योग गुरु से मार्गदर्शन लेकर ही करें। ताकि आपको किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े।