7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Causes of Eye Twitching : क्या आंख का फड़कना किसी बीमारी का है संकेत? जानें

क्या आपकी आंख बार-बार फड़कती है? इसे अपशकुन नहीं, बल्कि स्वास्थ्य समस्या समझें। जानिए डॉक्टरों के अनुसार आंख फड़कने के असली कारण, जैसे तनाव, नींद की कमी, पोषण की कमी और ज्यादा स्क्रीन टाइम। पढ़ें कब जरूरी है डॉक्टर से मिलना।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Dimple Yadav

Oct 13, 2025

Causes of Eye Twitching

Causes of Eye Twitching (photo- gemini ai)

Causes of Eye Twitching: जब भी किसी व्यक्ति की आंख फड़कती है, तो अक्सर लोग इसे शकुन या अपशकुन से जोड़ देते हैं। कहा जाता है कि दाईं आंख फड़के तो शुभ, और बाईं आंख फड़के तो अशुभ! लेकिन मेडिकल साइंस की नजर से देखें तो आंख फड़कना किसी तरह की अंधविश्वासी बात नहीं बल्कि एक स्वास्थ्य संबंधी संकेत है। कई बार यह अस्थायी होता है और खुद-ब-खुद ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में यह किसी गंभीर समस्या की ओर भी इशारा कर सकता है।

डॉक्टरों के अनुसार, आंख फड़कना या Eyelid Twitching तब होता है जब पलक की मांसपेशियां (muscles) अनियंत्रित तरीके से सिकुड़ने लगती हैं। यह फड़कन कुछ सेकंड से लेकर कुछ घंटों तक रह सकती है। अगर यह बार-बार हो या लंबे समय तक बनी रहे, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए और डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

तनाव और चिंता भी कारण

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, तनाव (Stress) और चिंता (Anxiety) आंख फड़कने के सबसे आम कारण हैं। जब हम मानसिक रूप से थके या परेशान होते हैं, तो शरीर की कुछ मांसपेशियां अनायास सिकुड़ने लगती हैं, जिससे पलक फड़कने लगती है। ऐसे में आराम, ध्यान (Meditation) या पर्याप्त नींद लेने से राहत मिल सकती है।

नींद की कमी

नींद की कमी भी आंखों के फड़कने का एक बड़ा कारण है। जब हम पर्याप्त नींद नहीं लेते, तो आंखों की मांसपेशियां थक जाती हैं और अनियमित रूप से सिकुड़ने लगती हैं। इस वजह से पलक लगातार फड़कती रहती है। इसलिए रोज कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी है।

ज्यादा कैफीन और स्क्रीन टाइम

कई लोगों में ज्यादा कॉफी या चाय (Caffeine) लेने की आदत होती है। कैफीन नर्वस सिस्टम को अधिक सक्रिय कर देता है, जिससे पलक फड़कने लगती है। इसके अलावा जो लोग लंबे समय तक मोबाइल, लैपटॉप या टीवी स्क्रीन के सामने रहते हैं, उनकी आंखें सूखने लगती हैं (Dry Eyes), जो फड़कन का कारण बन सकती हैं। ऐसे में आंखों को बीच-बीच में आराम देना जरूरी है।

पोषण की कमी

शरीर में मैग्नीशियम, पोटेशियम और विटामिन B12 की कमी भी पलक फड़कने का कारण बन सकती है। ये पोषक तत्व हमारी नसों और मांसपेशियों को मजबूत रखते हैं। अगर इनकी कमी हो जाए, तो तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है और फड़कन महसूस हो सकती है।

कब जाएं डॉक्टर के पास

आंख फड़कना आमतौर पर हानिरहित होता है, लेकिन अगर इसमें दर्द, सूजन, रोशनी में दिक्कत, धुंधलापन या चेहरे के अन्य हिस्सों में फड़कन महसूस हो, तो यह किसी न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर या नर्वस सिस्टम की समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। संक्षेप में, आंख फड़कना हमेशा अपशकुन नहीं होता, बल्कि यह शरीर का सिग्नल है कि आपको आराम, नींद और पोषण की जरूरत है। इसे नजरअंदाज करने के बजाय अपने शरीर की बात सुनें और जरूरत हो तो विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।