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CHILD HEALTH : 70 से 80 प्रतिशत तक शिशु इस कारण होते हैं बीमार

locationजयपुरPublished: Aug 07, 2020 03:14:30 pm

Submitted by:

Ramesh Singh

बारिश में बड़ों की अपेक्षा शिशु से लेकर तीन साल तक के बच्चों में संक्रमण होने का खतरा अधिक रहता है। तापमान में उतार-चढ़ाव से सर्दी, खांसी, दस्त, डायरिया, पीलिया, टायफॉइड, वायरल बुखार हो सकता है। हाइजीन की कमी से त्वचा पर रैशेज, दाने आदि आ सकते हैं। इनसे बचाने के लिए कुछ सावधानियों पर ध्यान देना जरूरी है।

CHILD HEALTH

इसलिए होते संक्रमित
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार शिशु के बिस्तर, कपड़े, खिलौने से 70-80 प्रतिशत संक्रमण होता है। इसलिए शिशु की हाइजीन के लिए अच्छे से धुले व साफ कपड़े पहनाएं। ढीले व सूती कपड़े पहनाएं। शिशु अक्सर उंगलियों को मुंह में डाल लेते हैं। नाखून की गंदगी शिशु को नुकसान पहुंचा सकती है। समय-समय पर उसके नाखून को काटते रहें। खिलौने की सफाई पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि इस उम्र में बच्चे अपने खिलौने के मुंह में डालते हैं।

कॉटन का तिकोना प्रयोग करें
शिशु को डायपर पहनाने से बचें। इसके बजाय कॉटन का तिकोना खुद बना सकती हैं या बाजार से रेडीमेड ले सकते हैं। डायपर के ज्यादा प्रयोग से रैशेज की समस्या हो सकती है। ठंड लगकर बीमार होने की आशंका रहती है।
इसलिए होती दिक्कत
तापमान के उतार-चढ़ाव से हीट रैशेज, घमौरियां होती हैं। शिशु के जननांग, कांख आसपास नमी न रहने दें। नहाने के पानी में दो चम्मच चंदन पाउडर या कोई लोशन डालकर शिशु को नहलाएं। इसके बाद ऑलिव व नारियल का तेल लगा सकते हैं। कोई लोशन, क्रीम न लगाएं। इससे रोम छिद्र बंद हो सकते हैं। रैशेज नहीं जाते हैं तो चिकित्सक को दिखाएं।
एक्सपर्ट- डॉ. नीलम सिंह, शिशु रोग विशेषज्ञ, जयपुर

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