आरएसवी एक सामान्य सांस की बीमारी है। वास्तव में इतना सामान्य है कि हम में से लगभग सभी दो साल की उम्र तक इससे संक्रमित हो जाते हैं। अधिकांश लोगों के लिए, यह वायरस नाक बहने और खांसी और सर्दी जैसी बीमारी का कारण बनता है। आम तौर पर ये बीमारी एक या दो सप्ताह के भीतर उपचार के बिना ही ठीक हो जाती हैं।
ब्रोंकाइटिस कभी-कभी घातक हो सकता है। दुनिया भर में हर साल लगभग 3.5 करोड़ बच्चे अस्पताल में भर्ती होते हैं, इनमें से लगभग 5 प्रतिशत मामलों में दुखद रूप से मौत होती है। हाथ धोने, मास्क पहनने और लोगों के बीच संपर्क को कम करने जैसी प्रतिक्रियाओं के कारण 2020-21 की सर्दियों में फ्लू बहुत कम हो गया। पिछले वर्षों की तुलना में देखा जाए तो उत्तरी गोलार्ध के देशों में ब्रोंकाइटिस के मामलों में 84% तक कम थे। ऑस्ट्रेलिया में भी इन केसों में कमी देखी गई, लेकिन अब इसके विपरीत हो रहा है। 2021 की गर्मियों में आऱएसवी के संक्रमण ने नवजात शिशुओं को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। इसमें एक माह के शिशु की संख्या ज्यादा पाई गई।
इसे भी पढ़ेंःबदलते मौसम में मासूमों पर आरएसवी की मार इससे बचाव के लिए न्यूट्रलाइज़िंग एंटीबॉडी (मातृ एंटीबॉडी और पैलिविज़ुमाब जैसे एंटीबॉडी उपचार) किया जाता हैं, लेकिन कई शोध समूहों के प्रयासों के बावजूद, वर्तमान में कोई टीका उपलब्ध नहीं है, लेकिन अब आरएसवी इम्युनिटी पर बेहतर शोध के कारण टीके के मामले में विकास हुआ है। कई इस उम्मीद में नैदानिक परीक्षणों में है कि सभी बच्चों को आरएसवी-प्रेरित ब्रोंकाइटिस से बचा सकते हैं।