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CHILD TEETH PROBLEM: गलत आदतों व आनुवांशिक कारणों से निकलते टेढ़े-मेढ़े दांत

locationजयपुरPublished: Sep 22, 2019 04:22:11 pm

Submitted by:

Ramesh Singh

बच्चों की गलत आदतों की वजह से भी दांत टेढ़े-मेढ़े निकलते हैं। तीन वर्ष की आयु के बाद टीथर का प्रयोग करना भी बच्चों के टेढ़े मेढ़े दांत निकलने का बड़ा कारण है।

CHILD TEETH PROBLEM

गलत आदतों व आनुवांशिक कारणों से निकलते टेढ़े-मेढ़े दांत

बच्चों का दांत निकलना आनुवांशिक कारणों पर निर्भर करता है। सामान्यत: 4 से 10 माह के बीच बच्चों के दांत निकलना शुरू हो जाते हैं। पूरी तरह निकलने में दो से तीन साल का समय लग जाता है। आनुवांशिक कारणों से कुछ बच्चों के दांत जल्दी तो कुछ के देरी से निकलते हैं। इन्हें दूध के दांत कहते हैं। कई बार ये दांत बच्चों की गलत आदतों व आनुवांशिक कारणों से टेढ़े-मेढे निकलते हैं।

बच्चों के दांतों की समस्या ( Problem of teeth of children )

बच्चों को लंबे समय तक बोतल से दूध पिलाने से दांतों में cavities होने पर दांतों के आकार में परिवर्तन आ सकता है। कई बार बच्चों को चेहरे की चोट की वजह से भी जबड़ों का आकार प्रभावित हो जाता है। इसलिए बच्चों के दांत टेढ़े निकलते हैं। दूध के दांत किसी हादसे में टूटने, मुंह से सांस लेने, एलर्जी और टॉन्सिल से भी दांतों का आकार टेढ़ा हो सकता है। आनुवांशिक वजह नहीं है तो आदतों में बदलाव करना चाहिए।

इसलिए बढ़ती है दिक्कत
बच्चों की अंगूठा चूसने की आदत ज्यादा समय तक रहने से उनके दांत टेढ़े मेढ़े निकलने लगते हैं जिसे ओवरबाइट (दांतों का जबड़े और मुंह से बाहर निकलना) कहते हैं। ऐसा करने से जबड़े के आकार में भी परिवर्तन आ जाता है और इससे टेढ़े मेढ़े दांत निकलने की आशंका बढ़ जाती है। दूध के दांत टूटने के बाद भी दांतों की प्राकृतिक संरचना में परिवर्तन आ जाता है। इस स्थिति में बच्चों को संबंधित चिकित्सक से परामर्श लेनी चाहिए।
ऐसे करें बचाव
छोटे बच्चों को रात में दूध पिलाने के बाद उन्हें पानी जरूर पिलाएं। यदि दांत आ गए हैं तो रात में चॉकलेट या दांतों में चिपकने वाली चीजों को खिलाने से बचें। बच्चों को अंगूठा चूसने से रोकें। बच्चों को सही पैटर्न पर दांतों को साफ करना सिखाएं। उन्हें खुद से नहीं अपने सामने कराएं। रात में भी ब्रशिंग जरूरी है। यदि दांतों में कैविटी, टेढ़े-मेढ़े हैं तो इनके टूटने का इंतजार न करें, चिकित्सक की परामर्श लें।
एक्सपर्ट : डॉ. अंबिका सिंह राठौड़, शिशु दंत रोग विशेषज्ञ राजकीय दंत महाविद्यालय, जयपुर

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