जयपुरPublished: Oct 12, 2023 12:10:58 pm
Jyoti Kumar
संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष मनाने की घोषणा की है। अपने देश में मोटे अनाज खाने का चलन प्राचीन समय से है लेकिन पिछले कुछ दशकों से लोगों ने इससे दूरी बना ली है। यही वजह है कि देश में मोटापे और लाइफस्टाइल से जुडे रोगियों की संख्या बहुत बढ़ी है। पहले हमारे खाने की थाली में ज्वार, बाजरा, जौ, कोदो, रागी (मडुआ), सांवा, सामा, कुटकी, लघु धान्य, चीना, कांगनी आदि हुआ करते थे। इनमें मिलने वाले पोषक तत्त्व हमें हर तरह की बीमारियों से बचाते थे।