एक्सपर्ट : डॉ. निधि पाटनी, सीनियर कैंसर स्पेशलिस्ट, जयपुर
जयपुरPublished: Jul 03, 2020 10:00:16 pm
Ramesh Singh
कैंसर के मरीज का उपचार शुरू होता है तो उसकी प्रतिरोधकता और कमजोर हो जाती है। इसलिए ऐसे मरीज का विशेष रूप से ध्यान देना होता है। जानते हैं कोरोना के दौरान कैंसर के मरीजों के इलाज के बारे में-
कोरोना के चलते कैंसर के मरीजों को इलाज में कई तरह की मुश्किलें आ रही हैं। कैंसर के मरीजों के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
जांच और इलाज में मुश्किलें
कोरोना महामारी के दौरान कैंसर मरीज को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उसे घर से चिकित्सालय तक पहुंचने, बीमारी से जुड़ी जांचें नहीं हो पा रही हैं। बीमारी की पहचान के बाद इलाज में मुश्किलें आ रही हैं। क्योंकि इलाज के बाद इम्युनिटी घटने से मरीज ज्यादा संवेदनशील हो जाता है। मरीज के साथ अटेंडेंट के लिए भी मुश्किलें बढ़ी हैं। हॉस्पिटल में सबसे पहले उसकी कोरोना से जुड़ी जरूरी जांचें होती हैं। कई बार इस डर से अटेंडेंट मिलने की मुश्किलें आती हैं।
मरीजों को तीन श्रेणी
कैंसर के मरीजों को तीन श्रेणी में बांटते हैं। पहले वे मरीज जिन्हें कैंसर के अलावा कोई और बीमारी नहीं है। ऐसे मरीज को एग्रेसिव टीटमेंट देते हैं। जल्दी रिकवरी के लिए जरूरी थैरेपी, दवाओं की खुराक सब मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता के अनुसार देते हैं। दूसरे वे मरीज जिन्हें डायबिटीज, हाई बीपी, थायरॉइड, हृदय संबंधी अन्य बीमारियां होती हैं। उन्हें तत्काल राहत के लिए इलाज देकर घर भेजते हैं। तीसरे ऐसे मरीज जो बुजुर्ग हैं। उन्हें बहुत सोच-समझकर दवा देते हैं।
एक्सपर्ट : डॉ. निधि पाटनी, सीनियर कैंसर स्पेशलिस्ट, जयपुर