जानवरों के ब्लड सीरम से बनाई दवा
आईसीएमआर के वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने कोविड-19 वायरस को खत्म करने के लिए घोड़ों के रक्त में मौजूद सीरम से बहुत ही उच्च गुणवत्ता वाली सीरम ‘एंटीसेरा’ बनाई है जो कोरोना वायरस को खत्म करने में सक्षम है। दरअसल, एंटीसेरा कोरोना वायरस जैसे कुछ विशेष एंटीजन के प्रति मजबूत एंटीबॉडीज बनाते हैं जिनका असाध्य रोगों के इलाज में उपयोग किया जाता है।
इलाज में सक्षम है एंटीसेरा
गौरतलब है कि कुछ महीनों पहले कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली प्लाज्मा थेरेपी (Plazma Therepy) के बाद वैज्ञानिकों ने दूसरी बार किसी उपचार पर भरोसा जताया है। इस नई थेरेपी के प्रति वैज्ञानिक इसलिए भी आश्वस्त हैँ क्योंकि एंटीसेरा न केवल कोविड-19 वायरस से संक्रमित रोगियों में वायरस की तीव्रता और अन्य अंगों को प्रभावित होने से रोकता है बल्कि सीरम वायरस से संक्रमित हुए अंगों का इलाज करने में भी प्रभावशाली है। आईसीएमआर के वैज्ञानिकों का कहना है कि एंटीसेरा सीरम जैसी नई थेरेपी को पहले भी कई वायरल बैक्टीरियल संक्रमणों की रोकथाम में आजमा कर देखा जा चुका है।
बच्चे बने सुपरस्प्रेडर्स
मार्च से लेकर अब तक कोरोना संक्रमण का सबसे भयावह रूप अगस्त और सितंबर के महीने में ही देखने को मिला। इस बीच भारत कई बार 24 घंटे में सबसे ज्यादा वायरस संक्रमित रोगियों के मामले में भी दुनिया में शीर्ष पर रहा। देश में इस समय संक्रमण ढलान पर है लेकिन असल परेशानी इसके सुपर स्प्रेडर्र्स से लगातार फैल रहे वायरस से है। अक्टूबर की बात करें तो दो दिन में अब तक १ लाख के करीब संक्रमित सामने आ चुके हैं। देश में अभी 63.97 लाख कोरोना मरीज है जिनमें करीब 9 हजार मरीज गंभीर रूप से बीमार हैं। वहीं 99 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
सितंबर में हुई 34 फीसदी मौतें
भारत अब अमरीका से केवल 10 लाख मरीज ही पीछे है और दूसरा सबसे ज्यायदा संक्रमित देश है। वायरस की वजह से अकेले सिंतबर माह में ही 34 फीसदी मौतेे हुई हैं। प्रतिदिन करीब 1100 लोग कोरोना संक्रमण के चलते अपनी जान गंवा रहे हैं। एक अध्ययन में यह भी सामने आया है कि यूरोपीय देशों और अमरीका की तर्ज पर अब भारत में भी बच्चे ही कोरीोना के सुपर स्प्रेडर बन रहे हैं। वैज्ञनिकों के लिए यह सबसे ज्यादा जोखिम का कारण है।