जयपुरPublished: Apr 21, 2020 09:31:37 am
Ramesh Singh
देश में वेंटिलेटर, संक्रमण से बचाव के लिए पहने जाने वाले मास्क जैसे जरूरी संसाधनों की कमी है। लेकिन इसके उलट देश के प्रमुख तकनीकी संस्थान एवं अनुसंधान संगठन कोरोना से लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए जरूरी उपकरणों के इनोवेशन में जुटे हैं।
भारतीय रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) एवं देश के अधिकांश आइआइटी संस्थान भी शामिल हैं। ये सभी देशी तकनीक से कोरोना जांच किट, वेंटिलेटर, मास्क, बॉडीसूट व स्क्रीनिंग के लिए उपकरणों से लैस ड्रोन विकसित कर रहे हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही उपकरणों के बारे में।
पहली कोरोना टेस्ट किट
निजी लैब पर कोरोना संक्रमण की जांच खर्च 4500 से 5000 रुपए तक आ रहा था, लेकिन डीआरडीओ की बनाई देश की पहली कोरोनावायरस टेस्ट किट सटीक व कम समय में रिपोर्ट बताने के साथ सस्ती भी है। इस किट से टेस्ट की लागत करीब 1200 रुपए आती है। इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच करना आसान हो गया है।
3डी फेस-कवच
आइआइटी रुड़की ने 3डी मॉडल की मदद से कम कीमत के ३डी फेस मास्क तैयार किया है। इन्हें बनाने में 45 रुपए की लागत आई है। वहीं आइआइटी गुवाहाटी के तीन पूर्व छात्रों ने इंफ्रारेड कैमरे से लैस एक ड्रोन विकसित किया है जो समूहों की थर्मल स्क्रीनिंग में मदद कर सकता है। इसमें एक लाउडस्पीकर भी लगा है।