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COVID 19 Vaccine : कोविड वैक्सीन से अचानक हो रही मौत? जानिए ICMR, NCDC ने रिसर्च में क्या पाया

COVID 19 Vaccine : : कोविड-19 वैक्सीन और हार्ट अटैक से हुई अचानक हुई मौतों को लेकर अब सरकार से साफ कर दिया है कि कोविड-19 वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं और अचानक हुई मौतों से उनका कोई सीधा रिश्ता नहीं है।

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भारत

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Manoj Vashisth

Jul 02, 2025

COVID 19 Vaccine

COVID 19 Vaccine : कोविड वैक्सीन से अचानक हो रही मौत? जानिए ICMR, NCDC ने रिसर्च में क्या पाया (फोटो सोर्स : Freepik)

COVID 19 Vaccine : पिछले कुछ समय से अपने देश में कोविड-19 वैक्सीन (COVID 19 Vaccine)और अचानक हुई मौतों को लेकर बहुत सारी बातें चल रही थीं। लोग अक्सर पूछते थे, क्या वैक्सीन लगवाने के बाद अचानक मरने का खतरा बढ़ जाता है?" इन सारी शंकाओं को दूर करने के लिए भारत सरकार ने एक अच्छी और राहत भरी खबर दी है।

अपनी सबसे बड़ी रिसर्च संस्थाएं, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने मिलकर दो बड़े रिसर्च किए हैं। इन रिसर्च के नतीजे साफ-साफ बताते हैं कि कोविड-19 वैक्सीन (COVID 19 Vaccine) पूरी तरह से सुरक्षित हैं और अचानक हुई मौतों से उनका कोई सीधा रिश्ता नहीं है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक प्रेस नोट में बताया है कि देश की कई बड़ी सरकारी एजेंसियों ने इस मामले की अच्छे से जांच की है और वे इस नतीजे पर पहुंची हैं कि भारत में जो कोविड-19 वैक्सीन (COVID 19 Vaccine) इस्तेमाल हुई हैं वे सब सुरक्षित और असरदार हैं।

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COVID 19 Vaccine : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने वैक्सीन पर उठाए थे सवाल

आपको बता दें कि हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हासन जिले में दिल से जुड़ी मौतों को कोविड वैक्सीन से जोड़ा था। इस पर केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को साफ-साफ कहा है कि ICMR और AIIMS जैसी बड़ी संस्थाओं ने जो गहराई से रिसर्च की हैं उनसे यह पक्का हो गया है कि कोरोना वैक्सीन और अचानक होने वाली मौतों के बीच कोई संबंध नहीं है।

सिद्धारमैया ने मंगलवार को कहा था कि शायद वैक्सीन को जल्दी मंजरी देना और लोगों तक पहुंचाना भी इन मौतों की एक वजह हो सकता है।

तो फिर अचानक मौतें क्यों हो रही हैं?

रिसर्च में सामने आया है कि वैक्सीन के कारण होने वाले गंभीर साइड इफेक्ट्स बहुत ही कम मामलों में होते हैं। वहीं जो अचानक दिल के दौरे से मौतें होती हैं, उनके पीछे कई वजहें हो सकती हैं जैसे कि:

खानदानी वजहें (जेनेटिक्स): यानी अगर परिवार में किसी को दिल की बीमारी का इतिहास रहा हो।

लाइफस्टाइल: जैसे गलत खान-पान, कम शारीरिक गतिविधि, या तनाव।

पहले से कोई बीमारी होना: अगर व्यक्ति को पहले से कोई दिल की बीमारी या और कोई गंभीर बीमारी थी।

कोविड के बाद की दिक्कतें: कई बार कोविड से ठीक होने के बाद भी शरीर पर कुछ असर रह जाते हैं।

यानी, इन मौतों का सीधा-सीधा संबंध वैक्सीन से नहीं है।

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COVID 19 Vaccine : दो बड़ी रिसर्च, एक ही सीधा नतीजा:

ICMR और NCDC ने 18 से 45 साल के युवाओं में अचानक होने वाली मौतों की वजह समझने के लिए दो अलग-अलग तरीकों से रिसर्च की:

पहली रिसर्च: इसे भारत में 18-45 साल के वयस्कों में अचानक बिना कारण हुई मौतों से जुड़े कारक नाम दिया गया था। इसे ICMR के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (NIE) ने मई से अगस्त 2023 के बीच 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 बड़े अस्पतालों में किया। इसमें उन लोगों को देखा गया जो अक्टूबर 2021 से मार्च 2023 के बीच बिल्कुल स्वस्थ दिखते थे, लेकिन अचानक उनकी मौत हो गई। इस रिसर्च के नतीजों ने साफ कर दिया कि कोविड-19 का टीका लगवाने से ऐसी मौतों का खतरा नहीं बढ़ता है।

दूसरी रिसर्च: यह युवाओं में अचानक, बिना कारण हुई मौतों की वजह जानना नाम की रिसर्च है, जिसे दिल्ली के AIIMS अस्पताल में ICMR के सहयोग और फंडिंग से किया जा रहा है। इसका मकसद युवाओं में अचानक होने वाली मौतों के आम कारणों का पता लगाना है। शुरुआती जानकारी बताती है कि दिल का दौरा (हार्ट अटैक) अभी भी सबसे बड़ी वजह है। कई मामलों में जेनेटिक बदलाव (खानदानी बनावट में अंतर) भी एक वजह हो सकते हैं। पिछले सालों की तुलना में मौतों के कारणों के पैटर्न में कोई खास बदलाव नहीं देखा गया है। जब यह रिसर्च पूरी हो जाएगी, तो इसके पूरे नतीजे सबके साथ शेयर किए जाएंगे।

इन दोनों रिसर्च से युवाओं में अचानक होने वाली मौतों के बारे में हमें और साफ जानकारी मिली है और यह भी पक्का हो गया है कि कोविड-19 का टीका लगवाने से जोखिम नहीं बढ़ता। बल्कि शरीर की पुरानी बीमारियां, खानदानी प्रवृत्ति और गलत जीवनशैली ही इन मौतों में योगदान करती हैं।

अफवाहों पर ध्यान न दें, अपनी सेहत का ख्याल रखें:

वैज्ञानिकों ने साफ-साफ चेतावनी दी है कि कोविड-19 टीकों को अचानक हुई मौतों से जोड़ना गलत और बिना सबूत के दावों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि ऐसी गलत जानकारी फैलाने से लोग टीका लगवाने से हिचक सकते हैं और इससे लोगों की सेहत को नुकसान हो सकता है।

मंत्रालय की तरफ से यह भी कहा गया है कि भारत सरकार अपने नागरिकों की सेहत की सुरक्षा के लिए सबूतों पर आधारित रिसर्च करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह बहुत जरूरी है कि हम सब सही जानकारी पर भरोसा करें और अफवाहों से बचें ताकि हमारे समाज में टीकाकरण को लेकर अच्छा माहौल बना रहे और हम सब स्वस्थ रहें।