
Dhanteras, Dhanvantri - धनतेस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करके स्वस्थ रहने की प्रार्थना की जाती है। धन्वंतरि को स्वास्थ्य और चिकित्सा का देवता माना जाता है।
dhanteras , dhanvantri - धनतेस का स्वास्थ्य की दृष्टि से बड़ा महत्व है। आयुर्वेद में स्वस्थ शरीर को ही सबसे बड़ा धन माना गया है, स्वस्थ शरीर के लिए मन, आत्मा और ज्ञानेंद्रियों का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। एक प्राचीन कहावत है कि ‘पहला सुख जो निरोगी काया और दूजा सुख घर में माया’ मतलब निरोगी काया ही मनुष्य के लिए सबसे बड़ा और पहला सुख है। इसके बाद लक्ष्मीजी अर्थात धन को दूसरा सुख बताया गया है। इसी लिए दीवाली से पहले धनतेरस आती है। धनतेस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करके स्वस्थ रहने की प्रार्थना की जाती है। धन्वंतरि को स्वास्थ्य और आयुर्वेद चिकित्सा का देवता माना जाता है। इसके बाद दीवाली पर लक्ष्मी पूजन किया जाता है।
धनतेरस को भगवान ‘धन्वंतरि की जयंती’ भी मनाई जाती है। समस्त प्राणियों का कष्ट दूर करने, रोग-पीड़ा से मानव को मुक्त करने, मानव जीवन की रक्षा के लिए भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर जनकल्याण के लिए समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे। विष्णु पुराण में उल्लेख किया गया है कि समुद्र मंथन में भगवान धन्वंतरि अमृत से भरा कलश लेकर निकले थे। भागवत पुराण में धन्वंतरि को भगवान विष्णु का बारहवां अवतार बताया गया है। सुश्रुत संहिता में भी इस बात के उल्लेख है कि धन्वन्तरि ने सुश्रुत आदि ऋषियों को उपदेश देते हुए बताया है कि मैं ही आदिदेव धन्वंतरि हूं और पृथ्वी पर आयुर्वेद चिकित्सा के उपदेश के लिए आया हूं।
पुराने समय में वैद्य, हकीम, आयुर्वेद चिकित्सक और तांत्रिक विभिन्न जड़ी-बूटियों से औषधि बनाने का काम कार्तिक त्रयोदशी अर्थात (धनतेरस) को ही करते थे। तुलसी पूजन, आंवले के वृक्ष का पूजन, आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन करना यह सब कार्तिक मास में ही किया जाता है, इससे दैहिक स्तर पर जीवन स्वस्थ रहता है, मन प्रसन्न रहता और प्रकृति की कृपा बनी रहती है। धन्वन्तरि जयंती का अर्थ प्रकृति की अनुकूलता प्राप्त करके, प्रकृति का आशीर्वाद प्राप्त करना है। आयुर्वेद के अनुसार, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति स्वस्थ शरीर से ही हो सकती है।
Published on:
04 Nov 2018 02:05 pm
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