
नाक की हड्डी अधिकतर टेढ़ी होती है, दिक्कत हो तो ही इलाज लें
शरीर के बेहद अहम और संवेदनशील अंग माने जाते हैं नाक, कान और गला। दिखने में तो ये अलग-अलग होते हैं लेकिन असलियत में ये एकदूसरे से जुड़े होते हैं। पत्रिका टीवी के हैलो डॉक्टर के शो में विशेषज्ञ ने ईएनटी से जुड़ी समस्याओं के कारण, बचाव और इलाज के बारे में बताया। जानें इस बारे में -
10-12 बार से ज्यादा सुनने में कमी महसूस हो तो नजरअंदाज न करें। ईएनटी विशेषज्ञ को दिखाकर पूर्ण इलाज लें।
सुनने की क्षमता पर ध्यान दें
कान के 3 भाग हैं - बाहरी, मध्य व अंदुरुनी। इनसे जब आवाज ऑडिटरी नर्व से होते हुए ब्रेन में जाती है तो हमें सुनाई देता है। इस प्रक्रिया में किसी भी कारण से कोई बाधा आए तो सुनाई देने में कमी आ सकती है। सुनने की नस में कमजोरी, आनुवांशिकता, पर्दे में छेद या मैल जमना या हड्डी में कमजोरी आदि कारण हैं। ऑडियोमेट्री टेस्ट के अलावा सीटी स्कैन कर भी रोग के जड़ की पहचान करते हैं। कारण जानकर जरूरत के अनुसार कॉक्लियर इम्प्लांट, सुनने की मशीन लगानी पड़ेगी या नहीं, दवाएं दी जाएगी या अन्य सर्जरी होगी, तय करते हैं।
इसलिए होती है कान में खुजली
कान के बाहरी हिस्से में सूक्ष्म बाल होते हैं। इनकी जड़ों में डैन्ड्रफ होने से कान में खुजली या गीलापन हो सकता है। इसके अलावा कान में अधिक मैल जमा होने और मौसम के अनुसार फंगल इंफैक्शन से भी बार-बार खुजली होने लगती है। इसके लिए ईएनटी विशेषज्ञ से कान की सफाई कराएं। खुद से किसी नुकीली वस्तु से साफ न करें।
टेढ़ी हड्डी से दिक्कत नहीं, जब तक लक्षण न दिखें
नाक की हड्डी अंदरुनी अंग है। इसकी संरचना में गड़बड़ी से सांस लेने में दिक्कत होती है। जन्म के समय कोई चोट लगने से नाक दब जाए या उम्र बढऩे के साथ चोट लगने से नाक की हड्डी टेढ़ी हो जाती है। ऐसे में नाक की टेढ़ी हड्डी से जब तक नाक बंद रहने, जुकाम, सिरदर्द, कान-गले में दिक्कत न हो तो इलाज की जरूरत नहीं है।
गले में कुछ फंसा होना
इससे ज्यादातर लोग परेशान रहते हैं। गले में कुछ फंसे होने व निगलते समय कुछ महसूस होने की शिकायत होती है। एलर्जी, गले का इंफैक्शन और एसिडिटी के कारण सीने में जलन, फ्लूड ऊपर आना, खट्टी-कड़वी डकारें आती हैं। एसिड के ऊपर आने से गले में सूजन रहती है। ऐसे में कारण से दूरी बनाएं।
ऐसे सुधरेगी आवाज
वॉइस लैब में आवाज की क्वालिटी का पता लगाकर कुछ टेस्ट कर बताते हैं कि किस पिच पर काम करें। थायरोप्लास्टी से आवाज में बदलाव संभव है।
एक्सपर्ट : डॉ. तरुण ओझा, ईएनटी विशेषज्ञ, महात्मा गांधी अस्पताल, जयपुर
Published on:
14 Sept 2019 01:44 pm
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