scriptहैल्थ स्टडी: दिन में 1 घंटे से ज्यादा झपकी लेने वालों में अकस्मिक मौत का खतरा 30 फीसदी बढ़ जाता है | Early Death Increased by 30 When Taking Naps Longer Than One Hour | Patrika News

हैल्थ स्टडी: दिन में 1 घंटे से ज्यादा झपकी लेने वालों में अकस्मिक मौत का खतरा 30 फीसदी बढ़ जाता है

locationजयपुरPublished: Sep 03, 2020 04:20:42 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

शोधकर्ताओं ने रिसर्च में यह भी कहा कि दिन में ज्यादा देर तक सोने से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा भी तेजी से बढ़ता है।

हैल्थ स्टडी: दिन में 1 घंटे से ज्यादा झपकी लेने वालों में अकस्मिक मौत का खतरा 30 फीसदी बढ़ जाता है

हैल्थ स्टडी: दिन में 1 घंटे से ज्यादा झपकी लेने वालों में अकस्मिक मौत का खतरा 30 फीसदी बढ़ जाता है

न्यूज ब्रीफ: यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी कांग्रेस ने अपने एक नए शोध में सुझाव दिया है कि जो लोग दिन में 1 घंटे से ज्यादा झपकी लेते (Power Nap) हैं उनमें हृदय रोग संबंधी बीमारियां (Cardiovascular disease) और टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 Disease) होने की आशंका 34 फीसदी बढ़ जाती है। इतना ही नहीं ऐसे लोगों की युवावस्था में ही आकस्मिक मृत्यु होने का खतरा दूसरों की तुलना में भी 30 फीसदी ज्यादा होता है।

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दिनभर के काम से फुर्सत मिलने के बाद कुछ लोग खासकर गृहिणियां दिन में कुछ देर सोना या झपकी लेना (Power Nap) पसंद करती हैं। ऐसा करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और वह फिर से काम करने के लिए सुपरचार्ज हो जाता है। लेकिन लंबे समय तक वैज्ञानिकों के बीच यह बहस का मुद्दा बना हुआ है कि दिन में कितनी देर सोना सेहत के लिए फायदेमंद है? अब यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी कांग्रेस ने अपने एक नए शोध में इस सवाल का जवाब दिया है। उन्होंने लोगों को सुझाव दिया है कि वे दिन में 1 घंटे से ज्यादा न सोएं (Power Nap) क्योंकि ऐसा करना स्वास्थ्य संबंधी कई गंभीर रोगों को बुलावा देता है। यूरोपियन सोसायटी का कहना है कि दिन में ज्यादा देर तक झपकी लेने वालों में हृदय रोग संबंधी बीमारियां और टाइप-2 डायबिटीज होने की आशंका 34 फीसदी बढ़ जाती है। इतना ही नहीं ऐसे लोगों की युवावस्था में ही आकस्मिक मृत्यु होने का खतरा दूसरों की तुलना में भी 30 फीसदी ज्यादा होता है।
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अभी तक मानते थे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
इस शोध से पहले स्वास्थ्य विशेषज्ञ दोपहर में कुछ देर सोने या झपकी लेने को स्वास्थ्य के लिहाज से कारगर माना जाता था। बहुतसे पश्चिमी और यूरोपीय देशों में तो ऑफिस में काम के दौरान भी कुछ देर झपकी लेने की अनुमति है क्योंकि वहां इसे कर्मचारियों की उत्पादकता बढ़ाने के तरीके के रूप में देखते हैं। हालांकि, यूरोपीय सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी कांग्रेस में प्रस्तुत चीनी वैज्ञानिकों के इस नए शोध में कहा गया है कि 60 मिनट से अधिक समय तक पावर नैप रखना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है।

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झपकी के फायदों को चुनौती
गुआनझोउ मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और इस अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. झी पैन ने कहा कि दिन मतें कुछ देर झपकी लेनापूरी दुनिया बहुत ही आम आदत है और इसे एक स्वस्थ आदत माना जाता है। पैन ने कहा कि यह भी माना जाता है कि नैपिंग से हमारे प्रदर्शन (Work Performence) में गुणात्मक सुधार होता है। लेकिन हमारा अध्ययन ‘स्लीप डेट’ यानी ‘पॉवर नैप’ से जुड़े इन मिथकों को चुनौती देता है। पूर्व के अध्ययनों ने पहले ही दिन में सोने को हृदय संबंधी बीमारियों यहां तक कि अकस्मिक मृत्यु तक का कारण बताया है। लेकिन हमारे नए शोध में दिल की बीमारी के प्रमुख कारकों के रूप में रात की नींद की अवधि को भी शामिल किया गया है।

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झपकी से सूजन का खतरा
प्रोफेसर पैन का कहना है कि 60 मिनट से अधिक समय तक झपकी लेना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक क्यों है? इस पर अभी शोध किया जारहा है। लेकिन शुरुआती नतीजों ने कुछ गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों की ओर इशारा किया है। पूर्व के अध्ययनों में दावा किया गया है कि दिन में झपकी लेने से शरीर में आंतरिक सूजन (Inflammation) हो सकती है, जो हृदय के लिए घातक है। शोधकर्ताओं ने 3 लाख से अधिक लोगों के कार्डियक अरेस्ट, हृदयाघात और अन्य स्वास्थ्य संबंधी रिपोर्ट्स का अध्ययन किया तो पाया कि ऐसे रोगों से असमय मरने वाले लोगों में उनकी नींद की आदतों और उनके स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली जीवनशैली से जुड़ी अन्य बातों ने भी जल्दी मृत्यु के कारण प्रदर्शित किए।

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महिलाओं में 22 फीसदी अधिक खतरा
शोध के निष्कर्षों से पता चला है कि महिलाओं के लिए झपकी लेना पुरुषों की तुलना में अधिक खतरनाक है क्योंकि जब भी वे प्रतिदिन एक घंटे से अधिक समय तक झपकी लेती हैं, तो उनके असमय मरने का खतरा पहले से 22 फीसदी बढ़ जाता है। हालांकि, नैपिंग के बारे में अध्ययन अभी भी स्पष्ट नहीं है क्योंकि उनमें से कुछ का दावा है कि यह दिल की सेहत के लिए अच्छे नहीं हैं जबकि अन्य बताते हैं कि नैपिंग से हार्ट अटैक का खतरा कम हो सकता है।

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