
fatty liver
Fatty Liver : कुछ समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं, जिनमें से एक प्रमुख समस्या फैटी लिवर है। इसके पीछे मुख्य कारण खराब जीवनशैली और अस्वस्थ आहार है, जिसमें जंक फूड, कम शारीरिक गतिविधि, और शराब तथा सिगरेट का अत्यधिक सेवन शामिल है। अधिकांश लोग फैटी लिवर (Fatty liver) की समस्या से ग्रस्त हैं।
चिकित्सकों के अनुसार, हर 10 में से 8 व्यक्तियों को फैटी लिवर की समस्या होती है। यह सुनकर लोग इसे अक्सर गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक हो सकता है। फैटी लिवर केवल एक बीमारी नहीं है, बल्कि यह एक जाल की तरह है जो शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है।
लोगों को अक्सर यह समझने में कठिनाई होती है कि फैटी लिवर वास्तव में क्या है। चिकित्सकों के अनुसार, यदि हमारे लिवर में 5 प्रतिशत से अधिक वसा मौजूद है, तो इसे फैटी लिवर की समस्या माना जाएगा। लिवर में एक विशेष कोशिका होती है, जो हमारे द्वारा खाए गए भोजन को इंसुलिन के माध्यम से पचाती है और शर्करा को ऊर्जा में बदलती है। जब लिवर में वसा होती है, तो इंसुलिन को कोशिका में प्रवेश करने में कठिनाई होती है।
इस स्थिति में शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है और इंसुलिन की अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है। इसके लिए पैंक्रियाज को अधिक कार्य करना पड़ता है। यदि पैंक्रियाज लगातार 5-10 वर्षों तक अधिक इंसुलिन का उत्पादन करता है, तो धीरे-धीरे यह थक जाता है। यदि कोशिकाओं तक इंसुलिन नहीं पहुंचता है, तो व्यक्ति को ऊर्जा की कमी का सामना करना पड़ता है।
यह भी पढ़ें : फैटी लीवर को लेकर क्या है मिथ्या जानिए आप भी
फैटी लिवर (Fatty liver) के कारण हृदय संबंधी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं। जब हमारा हृदय वसा से भर जाता है, तो यह वसा रक्त में प्रवेश कर जाती है और रक्त में प्रवाहित होती रहती है। इस स्थिति में, जब यह वसा धमनियों में जमा होने लगती है, तो धमनियां कठोर हो जाती हैं, जिससे उच्च रक्तचाप की समस्या उत्पन्न होती है।
जब हमारा पैंक्रियाज थकावट महसूस करता है और इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता, तब व्यक्ति डायबिटीज का शिकार हो जाता है। फैटी लिवर की स्थिति में, जब लिवर में वसा जमा हो जाती है, तो आपके रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने लगता है।
यह भी पढ़ें : सावधान! आपकी कम नींद आपके liver को कर रही है खराब
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Published on:
26 Sept 2024 10:55 am
बड़ी खबरें
View Allस्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
