Feeling Sleepy After Lunch: दोपहर के भोजन में क्या खाना है और क्या नहीं, इसका असर सीधे आपकी एनर्जी स्तर पर पड़ता है। अगर आपको भी दोपहर का खाना खाने के बाद सुस्ती आती है, तो अपने लंच के आहार में कुछ चीजों को अवॉयड करना फायदेमंद हो सकता है।
Feeling Sleepy After Lunch: अक्सर लंच के बाद हमें थकान, नींद या भारीपन महसूस होता है। इसकी वजह सिर्फ थकावट नहीं, बल्कि आपका खानपान भी हो सकता है। दोपहर के खाने में कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जो शरीर की ऊर्जा को खत्म कर देती हैं और मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देती हैं। खासकर ऑफिस जाने वालों या स्टूडेंट्स को इसका ज्यादा असर दिखता है। अगर आप भी लंच के बाद सुस्ती और आलस्य महसूस करते हैं, तो अपनी थाली में से कुछ चीजों को हटाना जरूरी है।
दोपहर के खाने के बाद नींद आना आम बात है क्योंकि इस समय शरीर पाचन क्रिया में व्यस्त हो जाता है और मस्तिष्क में रक्त प्रवाह कम हो जाता है।कार्बोहाइड्रेट और शुगर से भरपूर भोजन से शरीर में सेरोटोनिन और मेलाटोनिन जैसे हार्मोन बढ़ जाते हैं, जो नींद लाते हैं।यही वजह है कि दोपहर के भोजन के बाद अक्सर भारीपन और सुस्ती महसूस होती है।
रिफाइंड कार्ब्स और ज्यादा चावल
सफेद चावल, मैदा और ब्रेड जैसे रिफाइंड कार्ब्स शरीर में जल्दी शुगर रिलीज करते हैं, जिससे थोड़ी देर के लिए तो एनर्जी मिलती है, लेकिन फिर अचानक सुस्ती आ जाती है। इससे इंसुलिन लेवल भी तेजी से बढ़ता और गिरता है, जिससे थकान महसूस होती है।
मिठाइयां और डेजर्ट्स
लंच के बाद मीठा खाना बहुत लोगों की आदत होती है, लेकिन यह आदत आपकी दोपहर बिगाड़ सकती है। मिठाइयों में मौजूद हाई शुगर और फैट ब्लड शुगर को असंतुलित कर देते हैं और आपको तुरंत सुस्त महसूस कराते हैं।
सॉफ्ट ड्रिंक या एनर्जी ड्रिंक
ऐसे ड्रिंक्स में अत्यधिक कैफीन और शुगर होता है, जो कुछ समय के लिए एनर्जी बूस्ट करते हैं, लेकिन फिर अचानक थकान का अहसास होता है। ये लिवर और किडनी के लिए भी नुकसानदायक होते हैं।
अधिक तला-भुना खाना
तेल में तले हुए समोसे, पूड़ी, पराठे या ज्यादा मसालेदार करी पचने में समय लेते हैं। ये डाइजेशन स्लो करते हैं, जिससे शरीर का ब्लड डाइजेशन में लग जाता है और आप थका हुआ महसूस करते हैं।
प्रोसेस्ड या पैकेज्ड फूड
नूडल्स, इंस्टेंट पास्ता, पैकेज्ड स्नैक्स या रेडी-टू-ईट खाने में प्रिजर्वेटिव्स और कम न्यूट्रिशन होता है। यह बॉडी को न तो पर्याप्त ऊर्जा देता है, न ही लंबे समय तक एक्टिव बनाए रखता है।
घी लगी रोटी और दाल-सब्जी – फाइबर और प्रोटीन का अच्छा स्रोत।
ब्राउन राइस या क्विनोआ – धीमे पचने वाले कार्ब्स से एनर्जी बनी रहती है।
छाछ या दही – पाचन में मदद और ठंडक प्रदान करता है।
मौसमी सब्जियां और सलाद – विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर।
फ्रूट्स जैसे पपीता, सेब या नारियल पानी – नेचुरल शुगर और हाइड्रेशन के लिए।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।