
थकान की भावना वृद्ध वयस्कों में मृत्यु की भविष्यवाणी करती है
थकान लोगों को कई तरह की बीमारियों के करीब ले जाता है परंतु एक नए शोध में सामने आया है कि अधिक थकान की भावना वृत्त और वयस्क लोगों में मृत्यु की भविष्यवाणी करती है।महामारी विज्ञानियों के पहले की मृत्यु दर के संकेतक के रूप में कथित शारीरिक थकान को स्थापित करने वाला यह पहला अध्ययन है। रिसर्च में यह बात सामने आई है कि जो वृद्ध लोग थकान अनुभव करते हैं उन्हें यह आशंका सताने लगती है कि उनकी मृत्यु नजदीक है। साथ ही रिसर्च में इस बात पर भी मुहर लगी है कि थकान की भावना वयस्कों को मृत्यु के भय में डाल देती है । जिससे उनके जीवन पर और हृदय पर काफी गहरा प्रभाव पड़ता है जो उन्हें धीरे-धीरे मृत्यु के करीबी ही ले जाता हैं। वृद्ध लोग जिन्होंने गतिविधियों के बाद थकान या थकावट के मामले में उच्चतम स्कोर किया, वे निम्न 2.7 वर्षों में अपने समकक्षों की तुलना में मरने की संभावना से दोगुने से अधिक थे, जिन्होंने कम स्कोर किया था।
थकान होने के कई कारण हो सकते हैं। कुछ लोगों को ज्यादा देर सोने की आदत से थकान महसूस होती है। तो कुछ को यदि ज्यादा प्यास लगे और वे पानी न पीएं तो भी थकावट हो जाती है। कई बार कोई शारीरिक काम करने पर जब सांस फूलती है और उसे जबरदस्ती रोका जाए तो थकान होती है।
ठीक से ना खाना- कम और खराब खान-पान से भी हर वक्त थकान महसूस हो सकती है। पेट ना भरने की वजह से ब्लड शुगर कम हो जाता है और सुस्ती लगती है। संतुलित डाइट लेने से ब्लड शुगर का स्तर सामान्य रहता है। कभी भी बेक्रफास्ट करना ना छोड़े और अपनी हर डाइट में प्रोटीन और कार्ब्स शामिल करें।
एक शोध से पता चला है कि जो लोग अपनी शारीरिक गतिविधि को बढ़ाते हैं, वे अपने थकान स्कोर को कम कर सकते हैं। और शारीरिक गतिविधि को बढ़ाने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है नियमित रूप से चलना या निर्धारित व्यायाम की तरह एक दिनचर्या शुरू करना है।
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Updated on:
25 Jan 2022 03:25 pm
Published on:
25 Jan 2022 03:22 pm
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