हालांकि सबसे अच्छा विकल्प तो मच्छरदानी ही है। इसके अलावा कॉइल का धुआं स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होता है। इंडियन टैस्ट रिसर्च फाउंडेशन के एक सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि एक मॉस्कीटो कॉइल से निकला धुआं सौ सिगरेट के धुएं के बराबर खतरनाक होता है।
ताइवान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन के एक शोध में भी फेफड़ों के कैंसर के 50 प्रतिशत मरीजों में रोग की वजह मॉस्कीटो कॉइल का धुआं पाया गया है। दरअसल मॉस्कीटो कॉइल में पिरेथ्रम रसायन होता है जो मच्छरों को अंधा बनाकर मार देता है। यह रसायन अस्थमा व अन्य सांस और फेफड़े संबंधी रोगों का खतरा बढ़़ाता है।