गुस्से से कार्यक्षमता प्रभावित होती है और करियर व रिश्तो पर भी ना नकारात्मक असर पड़ता है। वे लोग जो अपने गुस्से को प्रकट नहीं कर पाते, मन में ही दबा कर रख लेते है, वे ज्यादा चिड़चिड़ा हो जाते हैं। हम उनमें शारीरिक और मानसिक बीमारियां होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। हार्ट अटैक की बीमारी 30 साल की उम्र में तेजी से बढ़ने लगी है। इस बीमारी से बचाव के लिए खानपान का ख्याल रखा जाता है। नियमित व्यायाम, योग करना जरूरी है। तब इस बीमारी से बच सकते है।
गुस्सा करने से अध्ययन के मुताबिक 5 गुना अधिक बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा। रिसर्च के मुताबिक 2 घंटे तक हार्ट स्ट्रोक, हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है। ऐसा 40 से अधिक उम्र वाले व्यक्ति में अधिक होता है। क्रोध या भावनात्मक रूप से परेशान होने और इसके 1 घंटे के अंदर हार्ट अटैक के लक्षण दिखाई पड़ने के बीच संबंध पाया है। यह पाया गया कि ऐसे में हार्ट अटैक का खतरा 2 गुना अधिक बढ़ जाता है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि बार-बार गुस्सा करने वाले लोगों में स्ट्रोक के चांस आम लोगों से दुगुना होता है। इस तरह के स्ट्रोक से दुनिया भर में हर साल हजारों लोगों की मौत होती है। इसके अलावा यह स्वभाव हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हाई कोलस्ट्रोल जैसी समस्याओं के लिए जिम्मेदार होता है।
आमतौर पर स्वस्थ्य खान-पान, योग और बेहतर लोगों से उठ-बैठ से गुस्सा आने की समस्या को कम किया जा सकता है।