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Gym Lovers ध्यान दें! भारी वजन उठाना आपकी आंखों की रोशनी छीन सकता है, जानें कैसे

Gym Deadlifting: जिम में भारी वजन उठाना अगर गलत तरीके से किया जाए तो आंखों की रोशनी तक जा सकती है। जानिए कैसे 27 साल के युवक को डेडलिफ्टिंग के दौरान हुई वल्साल्वा रेटिनोपैथी (Valsalva Retinopathy) और डॉक्टर ने इस पर क्या चेतावनी दी है।

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भारत

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Dimple Yadav

Oct 14, 2025

Gym Deadlifting

Gym Deadlifting

Gym Deadlifting: जिम में वर्कआउट करना सेहत के लिए अच्छा होता है, लेकिन कभी-कभी एक छोटी-सी गलती बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। हाल ही में एक 27 साल के युवक के साथ ऐसा हादसा हुआ जिसने डॉक्टरों तक को हैरान कर दिया। दरअसल, युवक ने जिम में डेडलिफ्ट (Deadlifting) करते वक्त इतना भारी वजन उठा लिया कि अचानक उसकी एक आंख की रोशनी चली गई।

क्या है पूरा मामला?

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Instagram पर डॉक्टर आशीष मार्कन ने एक रील के ज़रिए इस घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि युवक जिम में बहुत भारी वजन उठाने की कोशिश कर रहा था। उसने वजन उठाते वक्त पूरी ताकत लगाई और सांस रोककर स्ट्रेन किया। कुछ ही सेकंड में उसे महसूस हुआ कि उसकी एक आंख से दिखना बंद हो गया है। जब जांच की गई तो पता चला कि उसे वल्साल्वा रेटिनोपैथी (Valsalva Retinopathy) नाम की एक दुर्लभ समस्या हो गई है।

क्या होती है वल्साल्वा रेटिनोपैथी?

यह एक आंखों से जुड़ी बीमारी है जिसमें शरीर के अंदर दबाव अचानक बढ़ने के कारण रेटिना की छोटी-छोटी रक्त वाहिकाएं फट जाती हैं। ऐसा आमतौर पर तब होता है जब कोई व्यक्ति बहुत भारी वजन उठाते वक्त या ज़ोर लगाते समय सांस रोक लेता है। ऐसे में आंख के अंदर खून जमा हो जाता है और कुछ समय के लिए दिखाई देना बंद हो सकता है। ज्यादातर मामलों में यह समस्या कुछ हफ्तों में अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन लापरवाही बरतने पर यह स्थायी नुकसान का कारण बन सकती है।

भारी वजन उठाने से आंखों पर क्या असर पड़ता है?

जब हम Deadlift, Squats या Bench Press जैसी भारी एक्सरसाइज करते हैं, तो शरीर के अंदर प्रेशर अचानक बढ़ जाता है। यह प्रेशर आंखों तक पहुंचकर रेटिना की नाजुक नसों को नुकसान पहुंचा सकता है। अगर कोई व्यक्ति बार-बार सांस रोककर स्ट्रेन करता है, तो आंखों में ब्लीडिंग या प्रेशर बढ़ने का खतरा होता है। इसलिए जिम जाने वाले लोग भी इस जोखिम से पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं।

वर्कआउट करते समय सांस क्यों नहीं रोकनी चाहिए?

कई लोग वजन उठाते समय रीढ़ को स्थिर रखने और ताकत बढ़ाने के लिए सांस रोक लेते हैं। इसे वल्साल्वा मैनूवर (Valsalva Maneuver) कहा जाता है। हालांकि यह तकनीक ताकत बढ़ाने में मदद करती है, लेकिन इससे शरीर में ब्लड प्रेशर बहुत तेजी से बढ़ जाता है, जो आंखों और दिमाग के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

अगर वर्कआउट के बाद अचानक आंखों में धुंधलापन, परछाईं दिखना या बिना दर्द के “काला पर्दा” जैसा कुछ महसूस हो, तो तुरंत आई स्पेशलिस्ट से संपर्क करें। ये लक्षण रेटिना में ब्लीडिंग या प्रेशर बढ़ने के संकेत हो सकते हैं। समय पर इलाज से स्थायी नुकसान रोका जा सकता है।

इन बातों का रखें ध्यान

भारी वजन उठाने से पहले ट्रेनर से सही तकनीक सीखें। एक्सरसाइज करते समय सांस रोकने की बजाय धीरे-धीरे छोड़ें। अगर सिर चकराए या आंखों में धुंधलापन महसूस हो, तो तुरंत रुकें। अपनी शारीरिक सीमा पहचानें और अनावश्यक दबाव न डालें।