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घुटनों के पीछे दर्द, जकड़न और सूजन की वजह कहीं ‘बेकर्स सिस्ट’ तो नहीं? जानें इसका सटीक इलाज

Pain Behind knees Causes : अगर आपके घुटनों के पीछे नसें तनी लग रहीं या उसमें दर्द हो रहा है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए, क्योंकि ये 'बेकर्स सिस्ट' का एक लक्षण है। इस बीमारी में घुटने मोड़ने और चलने में भी तकलीफ होती है। चलिए, इस बीमारी के लक्षण और निवारण दोनों ही जानें।

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Ritu Singh

Mar 04, 2022

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घुटनों में दर्द, जकड़न और सूजन 'बेकर्स सिस्ट' का ही एक लक्षण है। 40 पार महिलाओं और 50 पार पुरुषों में ये बीमारी ज्यादा नजर आती है। इस बीमारी के वैसे तो कई कारण होते हैं, लेकिन प्राथमिक तौर पर ये बीमारी उन लोगों में ज्यादा दिखती है जो मोटापे के शिकार होते हैं या शारीरिक श्रम से बचते हैं।
'बेकर्स सिस्ट' में घुटने के पिछले हिस्से में एक गांठ बन जाती है और इसी वजह से नसों के तनने जैसा आभास होता है। तो चलिए बेकर्स सिस्ट से जुड़ी तमाम समसस्या, लक्षण और इलाज के बारे में जानें।

बेकर्स सिस्ट क्या है?
बेकर्स सिस्ट एक ऐसी गांठ होती हैं, जिसमें द्रव्य भरा होता है। ये एक नर्म गांठ होती है, जो घुटनों के पीछे विकसित होती है। इसे पोप्लिटीयल सिस्ट भी कहा जाता है। ये गांठ बेहद दर्द देती है और इसकी वजह से ही घुटनों के पीछे और आसपास सूजन भी हो जाती है। घुटने में जकड़न महसूस होता है और इसे मोड़ने में भी तकलीफ होती है। कई बार जब ये गांठ घुटने के अंदर फट जाती है तो घुटना लाल हो जाता है और दर्द दर्द पिंडली तक पहुंच जाता है।

बेकर्स सिस्ट क्यो होता है
कई बार घुटने पर लगी चोट के चलते आसपास की संरचना भी क्षतिग्रस्त हो जाती है। इससे घुटनों के पीछे अधिक मात्रा में द्रव बनने लगता है और ये गांठ में तब्दील हो जाता है। इस गांठ की वजह कई बार गठिया या कार्टिलेज में चोट भी हो सकती है। हालांकि, यह कोई बड़ा रोग नहीं है, लेकिन ये दर्दनाक रोग में आती है।
इन लक्षणों से पहचनें आपको भी तो नहीं बेकर्स सिस्ट घुटनों के आसपास सूजन
घुटनों में जकड़न
घुटनों के पीछे नसों में खिंचाव सा दर्द
घुटने को मोड़ने में दिक्कत
घुटने से लेकर पिंडलियों तक में खिंचाव या दर्द महसूस होना

बेकर्स सिस्ट की जांच
बेकर्स सिस्ट की जांच के लिए नॉन-इनवेसिव इमेजिंग टेस्ट कराई जाती है। इसमें एमआरआई या अल्ट्रासाउंड शामिल होता हैं।
बेकर्स सिस्ट का इलाज
बेकर्स सिस्ट का इलाज की जरूरत कई बार नहीं पड़ती, क्योंकि ये अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन कई बार यह लगातार बढ़ता रहता है, ऐसे में डॉक्टर कई बार गांठ में इजेक्शन डालकर द्रव निकाल देते हैं। द्रव को बाहर निकालने पर गांठ सूखकर ठीक हो जाती है।
कुछ व्यायाम और थेरेपी भी गांठ और दर्द को कम करते हैं। व्यायाम घुटने को लचीला बनाते हैं जिससे आपको मूवमेंट में आसानी होगी। बर्फ की सिकाई भी कारगर होती है।
(डिस्क्लेमर: आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। । किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)