थायराइड की जांच
थायराइड का काम होता है कि ये शरीर में मेटाबॉलिक के स्तर को कन्ट्रोल में रखता है। इसलिए थायराइड का नियंत्रण में रहना जरूरी होता है। यदि ये नियंत्रण से बाहर रहता है तो शरीर में अनेकों दिक्कतें आ सकती हैं। जैसे कि वजन तेजी से बढ़ना या कम होना, थकान बनी रहना,कब्ज की समस्या रहना। आदि-आदि समस्या होने का खतरा रहता है। इसलिए जांच करवाना जरूरी होता है।
थायराइड का काम होता है कि ये शरीर में मेटाबॉलिक के स्तर को कन्ट्रोल में रखता है। इसलिए थायराइड का नियंत्रण में रहना जरूरी होता है। यदि ये नियंत्रण से बाहर रहता है तो शरीर में अनेकों दिक्कतें आ सकती हैं। जैसे कि वजन तेजी से बढ़ना या कम होना, थकान बनी रहना,कब्ज की समस्या रहना। आदि-आदि समस्या होने का खतरा रहता है। इसलिए जांच करवाना जरूरी होता है।
थायराइड की जांच आप कब करवाएं
अमेरिकन थायराइड एसोसिएशन का मानना है कि आपको साल में एक बार इसकी जांच को जरूर कराना चाहिए। वहीं यदि आपकी उम्र ज्यादा है तो इस जांच को करवाना न भूलिए।
अमेरिकन थायराइड एसोसिएशन का मानना है कि आपको साल में एक बार इसकी जांच को जरूर कराना चाहिए। वहीं यदि आपकी उम्र ज्यादा है तो इस जांच को करवाना न भूलिए।
स्क्रीनिंग फॉर मेटाबॉलिक सिंड्रोम
आपको बताते चलें कि मेटाबॉलिक सिंड्रोम का ऐसा ग्रुप होता है जो आपको दिल की बीमारियों और डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारी की ओर संकेत देता है। इसकी जांच से पहले तो इन बीमारी के लक्षण को पहचाना जाता है। यदि ये बीमारियों के लक्षण नजर आते हैं तो फिर दूसरी अन्य जांचे करवाई जाती है।
आपको बताते चलें कि मेटाबॉलिक सिंड्रोम का ऐसा ग्रुप होता है जो आपको दिल की बीमारियों और डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारी की ओर संकेत देता है। इसकी जांच से पहले तो इन बीमारी के लक्षण को पहचाना जाता है। यदि ये बीमारियों के लक्षण नजर आते हैं तो फिर दूसरी अन्य जांचे करवाई जाती है।
कब करवाएं ये जांच
यदि आपकी उम्र 35 से 40 साल की हो चुकी है तो इस जांच को जरूर करवाएं। इसके होने से कई बीमारी का खतरा काफी हद तक पहले ही टल सकता है।
यदि आपकी उम्र 35 से 40 साल की हो चुकी है तो इस जांच को जरूर करवाएं। इसके होने से कई बीमारी का खतरा काफी हद तक पहले ही टल सकता है।
डायबिटीज की जांच
डायबिटीज आजकल एक आम बीमारी बन गई है। लेकिन वहीं ये बीमारी सेहत के लिए बिलकुल भी ठीक नहीं होती है। इसलिए आपको पहले से जागरूक हो जाना चाइये। जांच के लिए सबसे पहले डॉक्टर शरीर से ग्लुकोज अवशोषण की जांच करता है। इससे पता चल जाता है कि आपके बॉडी में शुगर की मात्रा कितनी है।
कब करानी चाहिए डायबिटीज की जांच
यदि आपकी उम्र 40-45 की है तो ये जांच आपको जरूर करवानी चाहिए। क्योंकि इसके होने से आप पहले से ही जागरूक हो जाएंगें। और डायबिटीज जैसी बीमारी के खतरे को पहले से कम कर सकने में सक्षम हो पाएंगें।
डायबिटीज आजकल एक आम बीमारी बन गई है। लेकिन वहीं ये बीमारी सेहत के लिए बिलकुल भी ठीक नहीं होती है। इसलिए आपको पहले से जागरूक हो जाना चाइये। जांच के लिए सबसे पहले डॉक्टर शरीर से ग्लुकोज अवशोषण की जांच करता है। इससे पता चल जाता है कि आपके बॉडी में शुगर की मात्रा कितनी है।
कब करानी चाहिए डायबिटीज की जांच
यदि आपकी उम्र 40-45 की है तो ये जांच आपको जरूर करवानी चाहिए। क्योंकि इसके होने से आप पहले से ही जागरूक हो जाएंगें। और डायबिटीज जैसी बीमारी के खतरे को पहले से कम कर सकने में सक्षम हो पाएंगें।
रक्तचाप की जांच
रक्तचाप की जांच से आप अनेकों खतरों को पहले से ही टाल सकते हैं। इससे दिल से जुड़ी बीमारी का खतरे की भी संभावना का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसलिए आपको रक्तचाप की जांच को जरूर कराना चाहिए।
कब करना चाहिए शुरुआत
रक्तचाप की जांच को आप भी स्टार्ट कर सकते हैं। इसलिए अपने शुरूआती दिनों से ही इस जांच को करवाना आप शुरू कर दें।
रक्तचाप की जांच से आप अनेकों खतरों को पहले से ही टाल सकते हैं। इससे दिल से जुड़ी बीमारी का खतरे की भी संभावना का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसलिए आपको रक्तचाप की जांच को जरूर कराना चाहिए।
कब करना चाहिए शुरुआत
रक्तचाप की जांच को आप भी स्टार्ट कर सकते हैं। इसलिए अपने शुरूआती दिनों से ही इस जांच को करवाना आप शुरू कर दें।
कोलेस्ट्रॉल की जांच
कोलेस्ट्रॉल की बात करें तो ये प्रकार का फैटी प्रोटीन होता है। कोलेस्ट्रॉल का लेवल अधिक होने से कई बीमारी का खतरा दो गुना बढ़ सकता है। वहीं सका बढ़ना दिल की सेहत के लिए भी नुकसानदायक होता है। इसलिए आपको कोलेस्ट्रॉल की जांच को जरूर कराना चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल की जांच कब करानी चाहिए
आप कोलेस्ट्रॉल की जांच को 20 साल की उम्र में ही करवा सकते हैं। इससे आप शुरू से ही अपनी डाइट और लाइफस्टाइल को लेकर सतर्क रहेंगें। और आगे जाकर ये खतरा कम हो सकता है। इसलिए शुरूआती दिनों से ही कोलेस्ट्रॉल की जांच को शुरू कर दें।
कोलेस्ट्रॉल की बात करें तो ये प्रकार का फैटी प्रोटीन होता है। कोलेस्ट्रॉल का लेवल अधिक होने से कई बीमारी का खतरा दो गुना बढ़ सकता है। वहीं सका बढ़ना दिल की सेहत के लिए भी नुकसानदायक होता है। इसलिए आपको कोलेस्ट्रॉल की जांच को जरूर कराना चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल की जांच कब करानी चाहिए
आप कोलेस्ट्रॉल की जांच को 20 साल की उम्र में ही करवा सकते हैं। इससे आप शुरू से ही अपनी डाइट और लाइफस्टाइल को लेकर सतर्क रहेंगें। और आगे जाकर ये खतरा कम हो सकता है। इसलिए शुरूआती दिनों से ही कोलेस्ट्रॉल की जांच को शुरू कर दें।