खुले मैदान में योगा मैट के ऊपर खड़े हो जाएं और सूर्य को नमस्कार करने के हिसाब से खड़े हो जाएं। सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को जोड़ कर सीने से सटा लें और गहरी, लंबी सांस लेते हुए आराम की अवस्था में खड़े हो जाएं।
हस्तउत्तनासन
पहली अवस्था में खड़े रहते हुए सांस लीजिए और हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। और पीछे की ओर थोड़ा झुकें।
सूर्य नमस्कार की यह खासियत होती है कि इसके सारे चरण एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं। हस्तोतानासन की मुद्रा से सीधे हस्त पादासन की मुद्रा में आना होता है। अश्व संचालनासन
हस्त पादासन से सीधे उठते हुए सांस लें और बांए पैर को पीछे की ओर ले जाएं और दांये पैर को घुटने से मोड़ते हुए छाती के दाहिने हिस्से से सटाएं।
गहरी सांस लेते हुए दांये पैर को भी पीछे की ओर ले जाएं और शरीर को एक सीध में रखे और हाथों पर जोर देकर इस अवस्था में रहें।
अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन, अधोमुख शवासन,अश्व संचालासन, आदि सभी प्रणाम एक एक स्टेप करके सूर्य को नमस्कार देते हुए आपके पूरे शरीर को फ्लैक्सिबिलिटी और एक योग मुद्रा प्रदान करता है। हर प्राणायाम के अपने अलग फायदे हैं । खासकर सूर्य नमस्कार के तो कई सारे फायदे हैं मधुमेह ब्लड प्रेशर पीसीओडी कई सारे अन्य बीमारियों में भी सूर्य नमस्कार काफी लाभदायक है।