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Healthy Tips: लेटते या उठते वक्त चक्कर आते हैं? सावधान! ये है इस बीमारी का संकेत

Healthy Tips: अगर आपको अचानक उठते, बैठते या लेटे-लेटे चक्कर आने लगते हैं, तो इसे हल्के में न लें। न्यूरोस्पाइन सर्जन डॉ. अरुण तुंगारिया के अनुसार, यह दिक्कत कान के अंदर मौजूद बैलेंस सिस्टम में गड़बड़ी यानी BPPV (Benign Paroxysmal Positional Vertigo) के कारण हो सकती है। जानें इसके लक्षण और इलाज के तरीके।

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भारत

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Dimple Yadav

Oct 12, 2025

Healthy Tips

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Healthy Tips: कई बार अचानक सिर घूमना, आंखों के आगे अंधेरा छा जाना या शरीर का संतुलन बिगड़ जाना हमें डरा देता है। आमतौर पर लोग इसे कमजोरी, खाली पेट रहना या थकान मान लेते हैं, लेकिन अगर यह बार-बार होता है। खासकर लेटे-लेटे, करवट बदलते या अचानक उठते समय, तो यह किसी गंभीर दिक्कत का संकेत हो सकता है। न्यूरोस्पाइन सर्जन डॉ. अरुण तुंगारिया के मुताबिक, यह समस्या अक्सर कान से जुड़ी होती है, जिसे BPPV (Benign Paroxysmal Positional Vertigo) कहा जाता है।

क्या है BPPV या पॉजीशनल वर्टिगो?

डॉ. तुंगारिया बताते हैं कि BPPV एक ऐसी स्थिति है जिसमें कान के अंदर मौजूद बैलेंस सिस्टम (Vestibular System) ठीक से काम नहीं करता। कान के अंदर छोटे-छोटे कैल्शियम कार्बोनेट के कण होते हैं जो संतुलन बनाए रखते हैं। जब ये कण अपनी जगह से हट जाते हैं और सेमिसर्कुलर कैनाल में चले जाते हैं, तो शरीर को यह समझ नहीं आता कि संतुलन कैसे बनाए रखना है नतीजा, अचानक चक्कर आना या गिरने जैसा महसूस होना।

किन लोगों को होती है यह परेशानी

BPPV किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में यह समस्या आम है। रिसर्च के अनुसार, इस उम्र के लगभग आधे लोग अपने जीवन में एक बार इस समस्या का सामना जरूर करते हैं। इसके अलावा, जो लोग लंबे समय तक सिर एक ही पोजिशन में रखते हैं (जैसे कंप्यूटर पर काम करने वाले, मोबाइल ज़्यादा इस्तेमाल करने वाले या लंबे सफर करने वाले), उनमें भी BPPV का खतरा बढ़ जाता है।

कैसे पहचानें कि आपको BPPV है

अगर आपको करवट बदलते, बिस्तर पर लेटते या अचानक उठते वक्त सिर घूमने लगे, आंखों के आगे अंधेरा छा जाए या लगे कि आप गिरने वाले हैं। तो यह BPPV का संकेत हो सकता है। कई बार इसे लोग सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, माइग्रेन या सिरदर्द समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन सही पहचान और समय पर इलाज से यह पूरी तरह ठीक हो सकता है।

कैसे होता है इलाज

डॉक्टर जांच के बाद फिजिकल थेरेपी या वेस्टिबुलर एक्सरसाइज के जरिए इस समस्या का इलाज करते हैं। इन एक्सरसाइज से कान के भीतर मौजूद कणों को उनकी सही जगह यानी यूटरिकल (Utricle) में वापस लाया जाता है। कुछ मामलों में दवाओं की जरूरत भी पड़ती है, लेकिन अधिकतर मामलों में केवल एक्सरसाइज से राहत मिल जाती है।

ध्यान रखें ये बातें

अचानक सिर घुमाने से बचें। सोते या उठते वक्त शरीर को धीरे-धीरे मूव करें। पर्याप्त पानी पीएं और शरीर में कमजोरी न आने दें। बार-बार चक्कर आने पर तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट या ईएनटी विशेषज्ञ से संपर्क करें।