
Air Pollution and Period Pain (photo- freepik)
Air Pollution and Period Pain: हम सब जानते हैं कि प्रदूषित हवा सांस लेने में तकलीफ देती है, आंखों में जलन करती है और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है। लेकिन अब रिसर्च बता रही है कि यही गंदी हवा महिलाओं के पीरियड्स के दर्द को भी कई गुना बढ़ा सकती है। यानी हर सांस के साथ-साथ हर महीने का दर्द भी भारी पड़ सकता है।
2021 में Frontiers in Public Health नाम की जर्नल में छपी एक स्टडी के मुताबिक, अगर कोई महिला लंबे समय तक बहुत ज्यादा प्रदूषित हवा में रहती है, तो उसे पीरियड्स के तेज दर्द (डिसमेनोरिया) का खतरा साफ हवा में रहने वाली महिलाओं के मुकाबले 16 से 33 गुना तक बढ़ सकता है। दिल्ली जैसी जगहों पर, जहां पिछले कई हफ्तों से AQI “बहुत खराब” से “खतरनाक” श्रेणी में है, वहां यह सिर्फ निजी समस्या नहीं रह जाती, बल्कि एक पब्लिक हेल्थ इश्यू बन जाती है।
ताइवान में वैज्ञानिकों ने करीब 13 साल तक लगभग 3 लाख लड़कियों और महिलाओं पर नजर रखी। शुरुआत में किसी को भी पीरियड्स के दर्द की समस्या नहीं थी। लेकिन जो महिलाएं ऐसे इलाकों में रहीं जहां PM2.5, नाइट्रोजन ऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड ज्यादा था, उनमें पीरियड्स के दर्द का खतरा कई गुना ज्यादा पाया गया।
इनमें PM2.5 सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हुआ। ये बेहद बारीक कण होते हैं जो फेफड़ों से होते हुए खून तक पहुंच जाते हैं। इससे शरीर में लगातार सूजन, हार्मोनल गड़बड़ी और गर्भाशय की ज्यादा सिकुड़न होती है, जिससे पेट दर्द और ऐंठन काफी बढ़ जाती है।
उत्तर भारत के कई शहरों में, खासकर सर्दियों में, AQI लगातार “सीवियर” या “हैजार्डस” बना रहता है। दिल्ली में हाल ही में AQI 400 से ऊपर और कभी-कभी 700 के पार तक गया है। यह स्तर इंटरनेशनल सेफ्टी लिमिट से कई गुना ज्यादा है। यानी यहां रहने वाली महिलाएं उसी तरह के प्रदूषण का सामना कर रही हैं, जैसा स्टडी में बताया गया है। दूसरी रिसर्च भी बता रही हैं कि प्रदूषण से पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं, साइकिल बिगड़ सकती है और डॉक्टर के पास जाने की जरूरत बढ़ जाती है।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शैलजा अग्रवाल के मुताबिक AQI ऐप देखकर बहुत खराब हवा में बाहर निकलने से बचें। बाहर जाते समय सही फिट वाला N95 मास्क पहनें। घर की खिड़कियां बंद रखें और अगर संभव हो तो एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। अगर पीरियड्स का दर्द अचानक बहुत बढ़ जाए, साइकिल बिगड़ने लगे या रोजमर्रा के काम मुश्किल हो जाएं, तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें। सही नींद, हल्का व्यायाम, सूजन कम करने वाला खाना और स्मोकिंग से दूरी मदद कर सकती है।
पीरियड्स का दर्द पहले से ही बहुत सी महिलाओं की पढ़ाई और काम को प्रभावित करता है। अगर प्रदूषण इसे और बढ़ा रहा है, तो यह सिर्फ महिलाओं की नहीं, पूरे समाज की समस्या है। अब वक्त है कि एयर पॉल्यूशन पर बात करते समय मेंस्ट्रुअल हेल्थ को भी गंभीरता से लिया जाए, क्योंकि शरीर के अंदर हो रहे नुकसान के ये शुरुआती संकेत हो सकते हैं।
Published on:
20 Dec 2025 10:14 am
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