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Air Pollution Health Effects: दिल-फेफड़े ही नहीं, अब दिमाग पर हमला! प्रदूषण से बढ़ सकता है ब्रेन कैंसर का खतरा

Air Pollution Health Effects: लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से ब्रेन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। नई रिसर्च में सामने आया कि पुरुषों, खासकर कुछ समुदायों में खतरा ज्यादा है। पूरी रिपोर्ट पढ़ें।

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भारत

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Dimple Yadav

Dec 13, 2025

Air Pollution Health Effects

Air Pollution Health Effects (photo- freepik)

Air Pollution Health Effects: अब तक हम यही जानते थे कि हवा का प्रदूषण दिल और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। लेकिन अब नई रिसर्च इशारा कर रही है कि गंदी हवा दिमाग पर भी गहरा असर डाल सकती है, यहां तक कि ब्रेन कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है। PubMed Central में छपी एक बड़ी स्टडी में वैज्ञानिकों ने यह जानने की कोशिश की कि अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेता है, तो क्या उससे दिमाग के कैंसर का खतरा बढ़ता है या नहीं।

कैसे की गई स्टडी?

इस रिसर्च में करीब 1 लाख से ज्यादा पुरुषों और महिलाओं के डेटा को शामिल किया गया, जो ज्यादातर लॉस एंजेलिस जैसे प्रदूषित इलाकों में रहते थे। करीब 20 साल तक इन लोगों के आसपास की हवा में मौजूद प्रदूषकों पर नजर रखी गई। इन प्रदूषकों में बेंजीन, ओजोन, PM10 (धूल के बारीक कण), नाइट्रोजन ऑक्साइड शामिल थे।

पुरुषों में ज्यादा खतरा क्यों?

स्टडी का सबसे चौंकाने वाला नतीजा यह रहा कि ब्रेन कैंसर का खतरा सिर्फ पुरुषों में बढ़ा, महिलाओं में नहीं। जिन पुरुषों में बेंजीन का ज्यादा संपर्क था, उनमें ब्रेन कैंसर का खतरा 3 गुना से ज्यादा पाया गया। PM10 के ज्यादा संपर्क से पुरुषों में खतरा करीब 2 गुना बढ़ा। महिलाओं में ऐसा कोई साफ संबंध नहीं मिला।

लैटिनो पुरुषों में असर और ज्यादा

रिसर्च में यह भी सामने आया कि लैटिनो समुदाय के पुरुषों में यह खतरा और ज्यादा था। इन पुरुषों में PM10, ओजोन, बेंजीन तीनों का संपर्क ब्रेन कैंसर से जुड़ा पाया गया। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह असर सिर्फ सड़क के पास रहने से नहीं था, बल्कि पूरे इलाके की हवा से जुड़ा हुआ था।

बेंजीन क्यों है सबसे खतरनाक?

बेंजीन पहले से ही कैंसर फैलाने वाला रसायन माना जाता है। लेकिन ब्रेन कैंसर से इसका रिश्ता पहले साफ नहीं था। इस स्टडी में खासकर नॉन-स्मोकर्स पुरुषों में बेंजीन का असर ज्यादा दिखा। जो लोग मुख्य सड़कों के 500 मीटर के भीतर रहते थे, उनमें खतरा बढ़ा हुआ था।

पुरुषों पर असर ज्यादा क्यों?

वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके पीछे जैविक कारण हो सकते हैं। पुरुषों के दिमाग में प्रदूषण से ज्यादा सूजन (inflammation) होती है। माइक्रोग्लिया कोशिकाएं (जो दिमाग की रक्षा करती हैं) पुरुषों में ज्यादा प्रभावित होती हैं। हार्मोन और एंटीऑक्सीडेंट सिस्टम में फर्क भी कारण हो सकता है। इसी वजह से ब्रेन कैंसर आमतौर पर पुरुषों में ज्यादा होता है और सर्वाइवल रेट भी कम होती है।