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Heart Attack in youth : क्या युवाओं की खराब लाइफस्टाइल उनके हार्ट ​​​अटैक के लिए जिम्मेदार

Heart Attack in youth : आजकल की तेज़ रफ्तार जिंदगी में अस्वस्थ खानपान और बदलती जीवनशैली के कारण कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इनमें से एक प्रमुख समस्या है हार्ट अटैक। दिल का दौरा, जिसे हार्ट अटैक कहा जाता है, एक गंभीर बीमारी

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Heart Attack in youth

Heart Attack in youth

Heart Attack in youth : आजकल की तेज़ रफ्तार जिंदगी में अस्वस्थ खानपान और बदलती जीवनशैली के कारण कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इनमें से एक प्रमुख समस्या है हार्ट अटैक। दिल का दौरा, जिसे हार्ट अटैक कहा जाता है, एक गंभीर बीमारी है जो आजकल किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है।

पिछले कुछ वर्षों में युवाओं में हार्ट अटैक (Heart Attack in youth) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पहले यह धारणा थी कि हार्ट अटैक केवल वृद्ध लोगों को होता है, लेकिन अब यह युवा वर्ग को भी प्रभावित कर रहा है। कई युवाओं की हंसते-खेलते या किसी शारीरिक गतिविधि के दौरान दिल का दौरा पड़ने से जान चली जाती है। ऐसे में यह समझना अत्यंत आवश्यक है कि युवाओं में हार्ट अटैक (Heart Attack in youth) का खतरा क्यों बढ़ रहा है।

Heart Attack in youth : युवाओं में हार्ट अटैक होने के कारण

  • खराब जीवनशैली, व्यायाम की कमी और लंबे समय तक बैठे रहने से हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
  • तले हुए खाद्य पदार्थ, जंक फूड और अधिक वसा वाले आहार का सेवन करने से दिल के दौरे का जोखिम बढ़ता है।
  • धूम्रपान रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है।
  • शराब का सेवन रक्तचाप और हृदय की धड़कन को बढ़ा सकता है, जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
  • अधिक तनाव भी रक्तचाप और हृदय की धड़कन को बढ़ा सकता है, जिससे हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
  • नींद की कमी भी हृदयाघात की संभावना को काफी बढ़ा सकती है।

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Heart Attack in youth : हार्ट अटैक के खतरे को कम करने के उपाय

  • रोजाना कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि करना स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। अपने आहार में फलों, हरी सब्जियों और साबुत अनाज को अवश्य शामिल करें। धूम्रपान, शराब और सिगरेट के सेवन से बचें।
  • योग, ध्यान या किसी अन्य शारीरिक गतिविधि के माध्यम से तनाव को कम किया जा सकता है। प्रतिदिन 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लेना भी महत्वपूर्ण है।
  • नियमित रूप से उच्च रक्तचाप, मधुमेह और उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसी स्वास्थ्य समस्याओं की जांच कराते रहें और उन्हें नियंत्रण में रखें।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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